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    पीपीपी मोड पर बस अड्डों को देने की मुहिम

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    Updated: Fri, 26 Sep 2014 01:00 AM (IST)

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    राज्य ब्यूरो, देहरादून

    उत्तराखंड परिवहन निगम की ओर से नौ वर्ष पूर्व बस अड्डों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर बनाने के अरमान एक बार फिर परवान चढ़ रहे हैं। इन बस अड्डों को निजी कंपनियों द्वारा बनाए जाने के लिए एक बार फिर परिवहन निगम ने प्रयास शुरू किए हैं। इसके तहत देहरादून के गांधी रोड स्थित परिवहन निगम के बस अड्डे व रुड़की और रुद्रपुर के बस अड्डों को पीपीपी मोड पर बनाए जाने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है। हालांकि, इस बार भगवानपुर और पिथौरागढ़ बस अड्डों को सरकार की सहायता से बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

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    प्रदेश में आने वाले पर्यटकों के सामने किसी भी शहर की पहली छवि बस अड्डे की तस्वीर के आधार पर बनती है। बस अड्डे को देखकर ही वे उस प्रदेश के विकास और समृद्धि का पैमाना आंकते हैं। उत्तराखंड के हालात इस मामले में बहुत अच्छे नहीं है। कारण यह कि कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण परिवहन निगम खुद इन बस अड्डों को नहीं बना पा रहा है। ऐसे में परिवहन निगम ने नौ वर्ष पूर्व प्रदेश के कई बस अड्डों को पीपीपी मोड पर बनाने की योजना शुरू कर थी। इसके तहत देहरादून के गांधी रोड़ स्थित बस अड्डे के साथ, काशीपुर, रूद्रपुर, श्रीनगर व रामनगर में पीपीपी मोड पर बस अड्डे बनाए जाने का निर्णय लिया गया। इनके निर्माण के लिए शासन स्तर से टेंडर भी आमंत्रित किए गए और कार्य भी आवंटित कर दिया गया। ऐन मौके पर कंपनी द्वारा कदम पीछे खींचने के कारण इस दिशा में कोई ठोस कार्य नहीं हो पाया। अब एक बार फिर परिवहन निगम ने इस दिशा में कदम आगे बढ़ाए हैं। हालांकि इस बार पीपीपी मोड पर केवल तीन बस अड्डे ही लिए जा रहे हैं। गांधी रोड स्थित बस अड्डे में चूंकि निगम का मुख्यालय भी बनाया जाना प्रस्तावित है, इस कारण सबसे पहले इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। इसके बाद रुड़की व रुद्रपुर के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। इस योजना के तहत निजी क्षेत्र की कंपनी यहां अपने खर्च पर बस अड्डा बनाने के साथ ही एक निश्चित अवधि तक इसका संचालन करेगी। प्रतिवर्ष एक निश्चित राशि परिवहन निगम को भी दी जाएगी। यह अवधि समाप्त होने के पश्चात परिवहन निगम को इनका मालिकाना हक मिल जाएगा।

    परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक बीके संत का कहना है कि तकरीबन तीन माह के भीतर टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी। इसके बाद तय शर्तो के अनुसार बस अड्डों को बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।