जी-20 सम्मेलनः आतंकवाद पर पीएम मोदी की चीन को दो टूक
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मोदी को बताया कि चीन बड़ी मशक्कत से बनाए रिश्तों को कायम रखते हुए भारत के साथ काम करने का इच्छुक है।
हांगझू, प्रेट्र/आइएएनएस । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन से पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर से पनप रहे आतंकवाद पर अपनी चिंता जताई है। साथ ही उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से इसी अशांत क्षेत्र से गुजरने वाले 46 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक कारीडोर (सीपीईसी) के निर्माण पर भी अपनी परेशानी व्यक्त की। मोदी ने चिनफिंग से कहा, 'दोनों देशों को एक-दूसरे के सामरिक हितों के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है।'
जी-20 के मेजबान चीनी राष्ट्राध्यक्ष चिनफिंग से 35 मिनट की द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आग्रह किया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को राजनीतिक सोच से प्रेरित नहीं होना चाहिए। स्थायी द्विपक्षीय संबंधों को सुनिश्चित करने के लिए यह बहुत जरूरी है कि हम एक दूसरे की उम्मीदों, चिंताओं और सामरिक हितों का आदर करें। मोदी ने कहा कि बिशकेक के चीनी दूतावास में आतंकी हमला आतंकवाद के अभिशाप का एक और सुबूत है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप से मोदी और चिनफिंग की बातचीत का ब्योरा देते हुए मीडिया को बताया कि दोनों नेता एक-दूसरे की चिंताओं से वाकिफ हैं, लेकिन रणनीतिक रूप से इसका जिक्र जरूरी था।
चिनफिंग से अपनी आठवीं मुलाकात में मोदी ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक कारीडोर (सीपीईसी) के पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर से होकर गुजरने पर भी अपनी परेशानी साझा की। मोदी ने द्विपक्षीय संबंध में तनावपूर्ण मुद्दों पर कहा कि एशियाई शताब्दी को एक हकीकत बनाने के लिए इस महाद्वीप के देशों को जिम्मेदारी लेनी होगी। इसके लिए दोनों देशों को कुछ खास कदम उठाते हुए अहम भूमिका निभानी होगी।
उल्लेखनीय है कि ऊर्जा परियोजना से जुड़े चीन-पाकिस्तान आर्थिक कारीडोर (सीपीईसी) के तहत रेल, सड़क और कच्चे तेल और गैस की पाइपलाइनों का नेटवर्क बनाया गया है। चीन निर्मित यह कारीडोर अशांत क्षेत्रों जैसे बलूचिस्तान, गिलगिट-बलटिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर से गुजरता है।
भारत संग काम करने का इच्छुक : शी
उधर, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मोदी को बताया कि चीन बड़ी मशक्कत से बनाए रिश्तों को कायम रखते हुए भारत के साथ काम करने का इच्छुक है। वह भविष्य में भी भारत का सहयोग चाहता है। शी ने कहा कि दोनों पक्षों ने रिश्तों में स्वस्थ, स्थिर और त्वरित विकास देखा है। पड़ोसी और विकासशील देश होने के नाते हमें उच्च स्तरीय आदान-प्रदान जारी रखना चाहिए।
चिनफिंग ने स्वीकारा मोदी का न्योता
अगले महीने होने वाले आठवें ब्रिक्स सम्मेलन से पहले मोदी ने शी चिनफिंग को गोवा आने का न्योता दिया। प्रधानमंत्री मोदी के इस न्योते को चीनी नेता चिनफिंग ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। इसके अलावा, ब्रिक्स नेताओं के साथ हुई बैठक में मोदी ने कहा कि आतंकवाद चाहे दक्षिण एशिया में हो या कहीं और, उसके पास न अपने बैंक हैं और ना ही कोई हथियारों की फैक्ट्री है। आतंकवाद को फलने-फूलने देने के लिए उसे मोटी रकम दी जा रही है।
एनएसजी पर विकास स्वरूप की चुप्पी
जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप से पूछा गया कि क्या मोदी ने परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) की सदस्यता पर भारतीय दावेदारी के लिए चीनी रुख का मुद्दा उठाया तो स्वरूप ने इस बारे में कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि सारी बातें बताई नहीं जा सकतीं, कुछ चीजें दोनों सरकारों के बीच ही रहने दीजिए।
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