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अफगानिस्तान में 2014 के बाद एक भी अमेरिकी सैनिक नहीं रहेगा तैनात

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2014 के बाद अफगानिस्तान में एक भी अमेरिकी सैनिक के तैनात न रहने की संभावना जताई है। अफगानी राष्ट्रपति हामिद करजई से मंगलवार को फोन पर बात करने के दौरान ओबामा ने कहा कि वाशिंगटन को इस साल के अंत तक सेना की व्यवस्थित वापसी के लिए अतिरिक्त आकस्मिक योजना के साथ आगे बढ

By Edited By: Published: Wed, 26 Feb 2014 04:35 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2014 04:39 PM (IST)

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2014 के बाद अफगानिस्तान में एक भी अमेरिकी सैनिक के तैनात न रहने की संभावना जताई है। अफगानी राष्ट्रपति हामिद करजई से मंगलवार को फोन पर बात करने के दौरान ओबामा ने कहा कि वाशिंगटन को इस साल के अंत तक सेना की व्यवस्थित वापसी के लिए अतिरिक्त आकस्मिक योजना के साथ आगे बढ़ना होगा।

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उन्होंने अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन से इस साल अंत में अफगानिस्तान से सेना की व्यवस्थित वापसी को लेकर समुचित योजना बनाने को कहा है जिससे 2014 के बाद अमेरिका को वहां पर सैनिकों को तैनात न रखना पड़े। दरअसल, करजई ने द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया है। समझौते में शर्त रखी गई है कि 2014 के बाद तैनात रहने वाले अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी।

इस साल के आखिर तक ज्यादातर नाटो और अमेरिकी सेना की वापसी हो जाएगी। 2014 के बाद तैनात रहने वाले अमेरिकी सैनिक सैन्य प्रशिक्षण देने के साथ-साथ आतंकवाद निरोधी अभियानों में अफगान बलों की मदद करने का काम करेंगे।

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हालांकि ओबामा ने इस साल के आखिर तक अफगानिस्तान के साथ सुरक्षा समझौते होने की संभावना का विकल्प खुला रखा है। कारण आगामी अप्रैल में अफगानिस्तान में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है, जिसमें करजई के उत्तराधिकारी को चुना जाएगा। ज्ञात हो कि समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए करजई ने नई शर्ते रखी हैं। इसमें वाशिंगटन से अपनी सेना को अफगानी घरों पर आतंकवाद निरोधी छापे की कार्रवाई की अनुमति नहीं देने का वादा करने को कहा गया है। साथ ही ग्वांतानामो जेल में बंद अफगानी कैदियों की रिहाई की शर्त रखी गई है।


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