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अमेरिका अपनी सेना के आकार को करेगा छोटा

वाशिंगटन। अमेरिका की अपनी सेना के आकार को संकुचित कर द्वितीय विश्व युद्ध के पहले के स्तर पर ले जाने के साथ वायुसेना के हमलावर विमानों के एक पूरे बेड़े को खत्म करने की योजना है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने रविवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि रक्षा मंत्री चक हेगल का सरकार की मितव्ययिता के मद्देनजर रक्षा खर्च में कटौती करने क

By Edited By: Published: Mon, 24 Feb 2014 07:23 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2014 07:28 PM (IST)

वाशिंगटन। अमेरिका की अपनी सेना के आकार को संकुचित कर द्वितीय विश्व युद्ध के पहले के स्तर पर ले जाने के साथ वायुसेना के हमलावर विमानों के एक पूरे बेड़े को खत्म करने की योजना है।

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न्यूयॉर्क टाइम्स ने रविवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि रक्षा मंत्री चक हेगल का सरकार की मितव्ययिता के मद्देनजर रक्षा खर्च में कटौती करने का प्रस्ताव है। राष्ट्रपति बराक ओबामा पहले ही इराक और अफगानिस्तान में अमेरिकी हस्तक्षेप को समाप्त करने का वादा कर चुके हैं। अखबार ने पेंटागन के अधिकारियों के हवाले से कहा कि किसी भी दुश्मन को हराने में सक्षम स्तर पर सेना को सीमित करने की योजना है। इससे अधिक जोखिम तब उत्पन्न होगा जब अमेरिकी बलों से एक ही समय में दो बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाइयों को अंजाम देने के लिए कहा जाएगा। इस स्थिति में सफलता मिलने में लंबा वक्त लगेगा और हताहतों की बड़ी संख्या होगी।

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अखबार ने पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा कि आपको हमेशा अपनी संस्थाओं को तैयार रखना पड़ता है लेकिन आप बड़े थल-युद्ध रक्षा विभाग को संभाल नहीं सकते हैं जब कोई बड़ा जमीनी युद्ध न हो। उन्होंने कहा कि हेगल का कुल मिलाकर प्रस्ताव यह है कि ओबामा के राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देशों को पूरा करते हुए सेना को अमेरिकी क्षेत्र और विदेशों में देश के हितों की रक्षा करने की क्षमता तक सीमित करना है।


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