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    विदेशी सेनाओं के जाने पर ही अफगानिस्तान में आएगी शांति

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Wed, 23 Sep 2015 04:01 AM (IST)

    तालिबान के नए प्रमुख मुल्ला मंसूर ने देश में शांति के लिए अमेरिका से हुए समझौते को रद करने की शर्त रखने के साथ ही विदेशी सेनाओं को अफगानिस्तान से बाहर करने की मांग की है।

    काबुल। तालिबान के नए प्रमुख मुल्ला मंसूर ने देश में शांति के लिए अमेरिका से हुए समझौते को रद करने की शर्त रखने के साथ ही विदेशी सेनाओं को अफगानिस्तान से बाहर करने की मांग की है। मंसूर के अनुसार विदेशी ताकतों की मौजूदगी से देश में शांति स्थापित नहीं हो सकती। उसने तालिबान में दरार की बात को भी खारिज किया है।

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    जुलाई में तालिबान संस्थापक मुल्ला उमर की मौत की पुष्टि के बाद मुल्ला मंसूर ने आतंकी संगठन की कमान संभाली है। तालिबान की वेबसाइट पर अंग्रेजी में जारी संदेश में मंसूर ने कहा कि यदि अफगानिस्तान सरकार युद्ध बंद कर शांति लाना चाहती है तो इसके लिए विदेशी कब्जा और आक्रमणकारियों के साथ किए गए सभी सैन्य व रक्षा सहयोग रद करने होंगे। अफगानिस्तान व अमेरिका के बीच पिछले साल सितंबर में रक्षा सहयोग पर समझौता हुआ था। इसके तहत दस हजार अमेरिकी समेत कुल 13 हजार जवान देश में रहेंगे। ये जवान प्रतिदिन की लड़ाई में हिस्सा नहीं लेंगे। मंसूर के मुताबिक कब्जे से मुक्त होने पर अफगानों की समस्या को आपसी बातचीत के जरिये सुलझाया जा सकता है।

    मुल्ला उमर की मौत की घोषणा के बाद से तालिबान आंतरिक फूट से जूझ रहा है। हालांकि, मुल्ला मंसूर फूट की बात से इन्कार किया है। उसने इसे साजिश करार देते हुए कहा कि तालिबान के दुश्मन मुजाहिदीन के बीच फूट डालने की कोशिशों के लिए अफवाहें फैला रहे हैं।

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