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एनएसजी में भारत को छूट पर पाकिस्तान ने दुनिया को चेताया

एनएसजी (परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह) की सदस्यता के लिए उसके दावे को भारत के आवेदन से कम करके बिल्कुल न करके देखा जाए।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Wed, 14 Dec 2016 05:49 PM (IST)Updated: Wed, 14 Dec 2016 06:06 PM (IST)
एनएसजी में भारत को छूट पर पाकिस्तान ने दुनिया को चेताया

इस्लामाबाद, प्रेट्र : पाकिस्तान ने एनएसजी में प्रवेश के मामले में भारत के समर्थन के लिए छोटे सदस्य देशों पर दबाव डालने के लिए दुनिया के शक्तिशाली देशों को सावधान किया है। कहा है कि दक्षिण एशिया की रणनीतिक स्थिरता के मामले में उसकी भूमिका को कम करके नहीं आंका जाए। एनएसजी (परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह) की सदस्यता के लिए उसके दावे को भारत के आवेदन से कम करके बिल्कुल न करके देखा जाए।

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यह बात पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय में निशस्त्रीकरण अनुभाग के महानिदेशक कामरान अख्तर ने एक कार्यशाला में कही है। उन्होंने कहा कि 48 सदस्य देशों वाले इस खास समूह में भारत को प्रवेश दिलाने के लिए शक्तिशाली देश अपने सहयोगी छोटे देशों पर दबाव डाल रहे हैं। जबकि सदस्यता के लिए पूरी प्रक्रिया नियमानुसार चलनी चाहिए। सभी देशों के लिए समान नियम के तहत कार्य होना चाहिए। हमें विश्वास है कि एनएसजी के सदस्य देश भारत को किसी तरह की छूट नहीं देंगे।

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अख्तर ने कहा, भारत को एनएसजी का सदस्य बनाने का असर न केवल पाकिस्तान पर पड़ेगा बल्कि शांतिपूर्ण कार्यो के लिए परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल कर रहे कई देशों को यह अपने साथ अन्याय महसूस होगा। इससे परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत न करने वाले देशों के भी हौसले बुलंद होंगे। कार्यशाला का आयोजन इस्लामाबाद की संस्था सेंटर फॉर इंटरनेशनल स्टडीज और लंदन की इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज ने संयुक्त रूप से किया था। उल्लेखनीय है कि एनएसजी के ज्यादातर सदस्य देश सदस्यता के मामले में भारत के दावे का समर्थन कर रहे हैं। जबकि चीन एनपीटी पर दस्तखत की शर्त का हवाला देकर भारत का रास्ता रोक रहा है।

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रूस और पाक पहली बार करेंगे चर्चा

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13 दिसंबर को पहली बार इस्लामाबाद में रूस और पाकिस्तान दक्षिण एशिया के हालात पर चर्चा करेंगे। अभी तक रूस पाकिस्तान के साथ छिटपुट सहयोग कर रहा था लेकिन पहली बार संबंधों को प्रगाढ़ता देते हुए दोनों देश क्षेत्रीय हालात पर बात करेंगे। ऐसे में भारत और कश्मीर मुद्दे की चर्चा स्वाभाविक रूप से होगी।

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