एक बेटी ने पाकिस्तान से दी पिता को आवाज, मिल गया हिंदुस्तान का वीजा
ग्यारह महीने पहले अपनी छोटी सी बेटी के साथ मायके गई शाहीना अब पाकिस्तान से वापस अपने ससुराल मुजफ्फरपुर लौट सकेगी। पाकिस्तान ने दोनों का वीजा मंजूर कर लिया है।

पटना [जेएनएन]। एक छोटी सी बेटी की पुकार कि मुझे मेरे पिता से मिला दो ..भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का असर झेल रही एक मां-बेटी की आखिरकार भगवान ने सुन ली। दोनों अब सरहद के पार से वापस भारत लौटेंगी। दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव का दर्द मुजफ्फरपुर के रहने वाले एक पिता और दुखी पति अफताब भी झेल रहे थे।
अब उनकी पत्नी और फूल सी प्यारी बेटी वापस अपने घर मुजफ्फरपुर लौट रही हैं, यह समाचार सुनकर खुशी से उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आखिर दो महीने से ज्यादा जद्दोजहद के बाद अब पाकिस्तान सरकार ने दोनों मां-बेटियों का वीजा मंजूर कर लिया है और अब जल्द ही आफताब की पत्नी शाहीना अपनी बेटी के साथ वापस मुजफ्फरपुर लौटेंगी।
पाकिस्तान में फंसी भारत की बेटी, मदद को बढ़े अंसार बर्नी व तरार के हाथ
बिहार के मुजफ्फरपुर शहर के मालीघाट के रहने वाले अफताब की शादी कराची की रहने वाली शाहीना कौसर से दिसम्बर 2012 में हुयी थी। दोनों की शादी के बाद शाहीना 2013 में मुजफ्फरपुर आयी और वीजा बढ़ाते रहने के साथ लांग टर्म वीजा के लिये शाहीना ने आवेदन दिया था। तभी उसकी मां की तबियत खराब होने लगी।
ऐसे में 22 फरवरी 2016 को शाहीना अपनी बेटी को लेकर मायके कराची चली गयी। पर जब वापस मुजफ्फरपुर आने का वक्त हुआ तो दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आने की वजह से वो अपनी बेटी की साथ कराची में ही फंस गई ।
बिहार के एक और परिवार ने किया गीता पर दावा, कहा- वह है उनकी बेटी रूबैदा
अफताब के मुताबिक, शाहीना ने 10 जुलाई को वीजा के लिये पाकिस्तान के भारतीय दूतावास में आवेदन दिया था। पर चार महीने बाद 5 अक्टूबर को ये बोलकर उसे वीजा देने ने मना कर दिया गया कि दोनों देशों के बीच रिश्ते ठीक नही चल रहे हैं। अफताब यहां पत्नी के आने का इन्तजार करते रहे, तो शाहीना का अपनी बेटी आफिया के साथ कराची से भारत आने के लिए वहां रो-रो कर बुरा हाल हो गया।
अाफताब के परिवार वाले चाहते थे कि किसी भी तरह उसके घर की बहू वापस आ जाए। बेचैनी के बीच परिवार वाले दोनों देशों के बीच बिगड़े हालात के सुधरने का इन्तजार कर रहे थे और लगभग दो महीने की जद्दोजहद के बाद आखिरकार मंगलवार को शाहीना और उसकी बेटी को पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास ने वीजा दे दिया है।
11 महीने के बाद अब शाहीना अपनी तीन साल की बेटी आफिया के साथ हिन्दुस्तान लौट सकेगी। वीजा मिलने की खबर आते ही शाहीना के मुजफ्फरपुर स्थित ससुराल में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। मुजफ्फरपुर के मालीघाट निवासी आफताब का इंतजार खत्म हुआ, अब जल्द ही वह पत्नी और बच्चे से मिलेगा। मां-बेटी को वीजा दिलाने के लिए पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता सहित कई बड़े लोग आगे आए और मंगलवार को पाक सरकार ने उसे वीजा दे दिया।
वीजा मिलते ही आंखों में छलके खुशी के आंसू
एक मासूम की पुकार सरहदों की दीवार को लांघ गई। कोशिशों और दुआओं ने रंग दिखाया। 22 अक्टूबर को मीडिया में छपी खबर के बाद पाकिस्तान के मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी इस मुहिम से जुड़े और विदेश मंत्रालय ने भी मामले की पूरी जानकारी ली। उसके बाद मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी ने पूरे कागजात मंगाये। फिर भारतीय विदेश मंत्रालय ने संज्ञान लिया और आफताब से बात की।
इसके बाद पूरी जानकारी मिलने के बाद विदेश मंत्रालय ने मेल किया और12 नवम्बर को मंत्रालय ने वीजा के लिए फिर से आवेदन मांगा।13 नवम्बर को वीजा के लिए फिर से आवेदन दिया और अंतत: वीजा मंजूर हो गया अब आफताब अपनी पत्नी और बेटी से फिर से मिल सकेगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।