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    बिहार के एक और परिवार ने किया गीता पर दावा, कहा- वह है उनकी बेटी रूबैदा

    By Amit AlokEdited By: Amit Alok
    Updated: Thu, 11 Aug 2016 03:42 PM (IST)

    बीते जनवरी में पाकिस्तान से भारत लाई गई मूक-बधिर लड़की गीता के कई दावेदार सामने आ चुके हैं। इसी कड़ी में सुपौल का एक परिवार सामने आया है। उसके अनुसार गीता उनकी बेटी रूबैदा है।

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    पटना [वेब डेस्क]। पाकिस्तान से भारत लायी गयी गीता के परिजनों की तलाश अभी भी जारी है। इस बीच सुपौल जिले के मो. युसूफ ने दावा किया है कि गीता 1996 में छपरा से लापता हो गई उनकी बेटी रुबैदा है। उनके अनुसार वे जनवरी से ही गीता के रूबैदा होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। उनकी मानें तो उनकी सात संतानों में रुबैदा छठी संतान है।

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    छपरा से 1996 में हुई थी लापता

    सुपौल के जदिया थाना अंतर्गत मोहर्रमपुर के मो. युसूफ और उनके परिजनों का दावा है कि जुबैदा नौ साल की उम्र में 1996 में छपरा जिले के मढ़ौरा थानान्तर्गत मिर्जापुर गांव से लापता हो गई थी। घटना एक शादी समारोह के दौरान की है।

    बताई ये समानताएं

    - युसूफ और उनकी पत्नी जुलेखा ने बताया कि मीडिया के माध्यम से जब पाकिस्तान से लाई गई लड़की गीता के बारे में पता चला तो उसके चेहरे में उन्हें जुबैदा की झलक मिली। उसके लापता होने की कहानी भी जबैदा से मिलती लगी।

    - युसूफ बताते हैं कि इसके बाद वे कई बार विदेश मंत्रालय और इंदौर के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें गीता की जगह किसी और लड़की से मिलवा दिया गया।

    - युसूफ ने कहा कि गीता ने लिखित तौर पर बचपन की जो बातें बताई हैं, वो भी रूबैदा के बचपन से मिलती हैं। घर के सामने से रेलवे ट्रैक का गुजरना, घर के दक्षिण में मंदिर का होना, घर के पीछे तालाब और गन्ने के खेत का होने की बातें इनके उदाहरण हैं।

    - गीता ने कहा था कि उसके घर के सामने से एक ओर जहां रेल की पटरियां गुजरती हैं वही दूसरी और मंदिर और तालाब भी हैं। रूबैदा छपरा में जहां से लापता हुई थी, ये सब मौजूद हैं।

    - युसूफ का दावा है कि गीता ने अपने घर के आसपास जिस माहौल की चर्चा की है, वो सारा कुछ छपरा स्थित मिर्जापुर गांव में मौजूद है, जहां से जुबैदा लापता हुई थी।

    - युसूफ ने गीता के बचपन से जुड़े कई और तथ्यों को भी सामने रखा। जैसे, बचपन में शीशे से पैर का कटना, सिर पर दो-दो तिल के निशान होना तथा बोलने और सुनने की समस्या। ऐसा सबकुछ जुबैदा के साथ भी है।

    अब बेटी के सौंपे जाने का इंतजार

    मो. युसूफ 1998 के करीब छपरा स्थित अपने गांव से आकर सुपौल के जादिया थानान्तर्गत मुहर्रमपुर में बस गए। अब उन्हें सरकार ने तथ्यों की पूरी पड़ताल के बाद अपनी बेटी को सौंपे जाने का इंतजार है।