अफगानिस्तान से तालिबान प्रमुख का प्रत्यर्पण चाहता है पाकिस्तान
पाकिस्तान ने प्रतिबंधित संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान [टीटीपी] के प्रमुख मुल्ला फजलुल्ला को प्रत्यर्पित करने के लिए अफगानिस्तान से कहा है। पाक ने इसके साथ ही कुनार और नूरिस्तान प्रांतों में मौजूद टीटीपी के ठिकानों को नष्ट करने की भी मांग की है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने प्रतिबंधित संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान [टीटीपी] के प्रमुख मुल्ला फजलुल्ला को प्रत्यर्पित करने के लिए अफगानिस्तान से कहा है। पाक ने इसके साथ ही कुनार और नूरिस्तान प्रांतों में मौजूद टीटीपी के ठिकानों को नष्ट करने की भी मांग की है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, जाने-माने पश्तून नेता महमूद खान अचाकजई ने बुधवार को काबुल में अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई के साथ मुलाकात में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की ओर से प्रत्यर्पण का आग्रह किया।
विदेश विभाग ने पुष्टि की कि अचाकजई ने आतंकवाद के खिलाफ काबुल का सहयोग मांगने के लिए प्रधानमंत्री के विशेष दूत के रूप में अफगानिस्तान का दौरा किया। इस दौरान उनके साथ विदेश सचिव ऐजाज अहमद चौधरी भी गए थे।
घटनाक्रम के जानकार एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान ने करजई से टीटीपी का समर्थन बंद करने और अफगानिस्तान में छिपे इसके प्रमुख को प्रत्यर्पित करने को कहा। अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान के पास इसके ठोस सबूत हैं कि मुल्ला फजलुल्ला और अन्य टीटीपी कमांडरों को अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसियों का संरक्षण हासिल है।
अखबार ने कहा कि यह निर्णय किया गया कि अफगानिस्तान का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति करजई का एक विशेष पत्र लेकर जल्द ही इस्लामाबाद जाएगा। पत्र में कुछ प्रस्ताव होंगे और वह पाकिस्तानी पक्ष के साथ भविष्य की योजनाओं पर भी चर्चा करेगा। मुल्ला रेडियो के नाम से मशहूर फजलुल्ला अमेरिका के ड्रोन हमले में अपने पूर्ववर्ती हकीमुल्ला महसूद के मारे जाने के बाद पिछले साल नवंबर में टीटीपी का प्रमुख बना था।
विदेश कार्यालय में साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान गुरुवार को प्रवक्ता तसनीम अस्लाम ने कहा कि अफगान अधिकारियों ने पाकिस्तान को पूरा सहयोग देने का विश्वास दिलाया। करजई के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि शरीफ अफगानिस्तान द्वारा उठाई गई सभी बातों से सहमत हुए कि दोनों देशों को सभी आतंकियों से संयुक्त रूप से लड़ना चाहिए। आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाह नष्ट किए जाने चाहिए और संयुक्त संघर्ष में सहयोग के लिए एक मसौदा होना चाहिए।
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