कब सुधरेगा पाकिस्तान, अशांति के लिए भारत को बताया खलनायक
आरोप लगाने में पाकिस्तान पीछे नहीं रहता है। उसे मुंबई हमला, पठानकोट और उड़ी याद नहीं आता है। उसकी नजर में अशांति के लिए भारत खलनायक है।

इस्लामाबाद(जेएनएन)। एक कहावत है उल्टा चोर कोतवाल को डांटे, पाकिस्तान पर ये कहावत सटीक बैठती है। भारत की धरती को न जाने कितनी बार आतंकियों ने बेगुनाहों के खून से रंगा हो लेकिन पाकिस्तान नापाक बात कहने से बाज नहीं आता है। पाक के हुक्मरानों को भारतीय संसद पर हमला, मुंबई हमला, पठानकोट हमला और हाल में उड़ी हमला भूल जाता है। सीमापार से लगातार हो रहे सीजफायर उल्लंघन को वो भूल जाता है। लेकिन उसकी नजर में शांति प्रक्रिया की राह में सबसे बड़ा रोड़ा भारत नजर आता है।
ना 'पाक' जवाब
पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा कि हकीकत तो ये है कि भारत ही हमेशा से शांति की मुखालफत करता रहा है। भारत सरकार अपने गिरेबां में नहीं झांकती है। भारत सरकार एक खास चश्मे से पाकिस्तान को देखती है, जिसमें पाकिस्तान उन्हें खलनायक नजर आता है।
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भारत पर मढ़ा आरोप
नफीस जकारिया ने आंकडो़ं के जरिए ये बताया कि भारत किस तरह पाकिस्तान को अस्थिर करने में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा कि 2016 में भारत ने 90 बार सीजफायर उल्लंघन किया जबकि 2014 में ये आंकड़ा 200 था। पाकिस्तान ने कभी भी सीजफायर का उल्लंघन किया, हकीकत ये है कि जब भारत ने सीमा पर फायरिंग की तो पाकिस्तान ने जवाब दिया। भारतीय मीडिया पर आरोप मढ़ते हुए जकारिया ने कहा कि सीमापार से जुड़ी हुई 90 फीसद रिपोर्टिंग भ्रामक होती है। भारतीय मीडिया भी पाकिस्तान पर बेवजह आरोप लगाती है।
ब्रिक्स में पीएम ने क्या कहा था?
हाल में ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी ने साफ लफ्जों में कहा कि हमारा पड़ोसी आतंकवाद की जननी है। उन्होंने राजनीतिक फायदे के लिए आतंकवाद को हथियार के तौर पर चुना है। दुनिया भर के टेरर मॉड्यूल्स का संबंध किसी न किसी रूप में पाकिस्तान से है। पीएम ने कहा कि शांति की बात सिर्फ बयानों से ही नहीं हो सकती है। जमीन पर शांति स्थापित करने के लिए उन आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने की जरूरत है जो बेगुनाहों का खून बहा रहे हैं।

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