पाकिस्तान में बंद नहीं होंगे 5000 रुपये के नोट, मांग खारिज
पाकिस्तान सरकार ने अपने यहां पर सबसे बड़े 5000 रुपये के नोट का चलन बंद करने से इंकार कर दिया है। सरकार का कहना है कि इससे व्यापार प्रभावित होगा।
इस्लामाबाद (जेएनएन)। पाकिस्तान सरकार ने संसद के ऊपरी सदन की ओर से 5,000 के नोट को बंद किए जाने की सिफारिश को खारिज कर दिया है। पाक के ऊपरी सदन ने देश में ब्लैक मनी पर लगाम कसने के लिए इस नोट को अमान्य करार देने की मांग की थी। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक पाकिस्तान में 5,000 का नोट सबसे बड़ी करंसी है। माना जा रहा था कि भारत में 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोटों को बैन किए जाने के बाद पाक संसद के ऊपरी सदन में इस तरह के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
पाकिस्तान के ऊपरी सदन ने प्रस्ताव पारित किया था कि देश में कालेेधन के चलन को रोकने, बैंक खातों के इस्तेमाल के प्रोत्साहन और अनअकाउंटेड इकॉनमी के साइज को कम करने के मकसद से 5000 रुपये के नोट पर रोक लगाने की मांग की थी। हालांकि पाक के वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज किया था कि इससे व्यापार प्रभावित होगा।
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि देश में कैश का ट्रांजैक्शन बड़े पैमाने पर होता है। ऐसे में सरकार का मानना है कि 5,000 रुपये के नोट को बैन किए जाने से देश में कारोबार प्रभावित होगा। मंत्रालय ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में देश में हुई नोटों की कुल छपाई में 17 फीसदी हिस्सेदारी 5,000 के नोटों की थी।
इससे पूर्व पाक वित्त मंत्री ने मीडिया रिपोर्टों का खारिज करते हुए कहा कि 5000 के नोट और 40,000 मूल्य के बांड का विमुद्रीकरण नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पाक सरकार इस तरह के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है।