चीन-पाक आर्थिक गलियारे की सुरक्षा के लिए पाक बना रहा है विशेष नौसैनिक बल
पाकिस्तान के एक अधिकारी ने दावा किया कि पाक की घेरेबंदी के लिए भारत परमाणु पनडुब्बी विकसित कर रहा है।
इस्लामाबाद, प्रेट्र । गुलाम कश्मीर से गुजरने वाले आर्थिक गलियारे की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान विशेष नौसैनिक बल बना रहा है। चीन-पाक आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) नामक यह परियोजना 46 अरब डॉलर का है। डॉन के अनुसार विशेष बल के गठन की घोषणा मंगलवार को ग्वादर में सीपीईसी पर हुए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में की गई।
'टास्क फोर्स-88'
एक वरिष्ठ नौसैन्य अधिकारी के हवाले से अखबार ने बताया है कि इस नए बल को 'टास्क फोर्स-88' के नाम से जाना जाएगा। इसके जिम्मे ग्वादर बंदरगाह और इससे जुड़े समुद्री रास्तों की सुरक्षा होगी। पारंपरिक और गैर पारंपरिक खतरों से निपटने में सक्षम यह बल जहाजों, ड्रोन और अत्याधुनिक निगरानी तकनीकों से लैस होगा। सम्मेलन में जिस वक्त इस बल के गठन की घोषणा की गई उस समय पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, नौसेना प्रमुख एडमिरल जकाउल्लाह और वायु सेना प्रमुख सोहेल अमान भी मौजूद थे।
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गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में इस गलियारे की सुरक्षा चाक-चौबंद करने के लिए पाकिस्तान ने 1.3 अरब डॉलर का बजट अलग से जारी किया था। दूसरी ओर, पाकिस्तान के एक शीर्ष अधिकारी ने दावा किया है कि भारत परमाणु पनडुब्बी विकसित कर रहा जिसके कारण इस्लामाबाद अपनी रक्षा के लिए उपाय करने को मजबूर है।
पाकिस्तान का आरोप
विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (यूएन एवं आर्थिक सहयोग) तसनीम असलम ने यह आरोप भी लगाया है कि भारत नियंत्रण रेखा पर बगैर उकसावे के गोलीबारी कर रहा है और साथ ही गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहा है।उन्होंने इस्लामाबाद में आयोजित एक सम्मेलन में कहा, 'भारत परमाणु पनडुब्बी विकसित कर रहा है। नियंत्रण रेखा एवं कामकाजी सीमा पर बगैर उकसावे के गोलीबारी कर रहा है। इन परिस्थितियों में पाकिस्तान के पास खुद को रक्षा के लिए तैयार रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।'
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