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पाक मीडिया ने माना जो बोया वो काट रहे हैं

पेशावर में स्कूली बच्चों के कत्लेआम के बाद पाकिस्तान में सक्रिय जमात-उद-दावा जैसे संगठनों पर कार्रवाई की मांग उठने लगी है। पाकिस्तान के मीडिया ने खुलकर ऐसे संगठनों पर नकेल कसने की मांग की है। मीडिया ने दो-टूक कहा कि पाकिस्तान ने जो फसल बोई थी, वही आज वह काट

By Sudhir JhaEdited By: Published: Thu, 18 Dec 2014 09:42 AM (IST)Updated: Thu, 18 Dec 2014 10:06 AM (IST)
पाक मीडिया ने माना जो बोया वो काट रहे हैं

इस्लामाबाद। पेशावर में स्कूली बच्चों के कत्लेआम के बाद पाकिस्तान में सक्रिय जमात-उद-दावा जैसे संगठनों पर कार्रवाई की मांग उठने लगी है। पाकिस्तान के मीडिया ने खुलकर ऐसे संगठनों पर नकेल कसने की मांग की है। मीडिया ने दो-टूक कहा कि पाकिस्तान ने जो फसल बोई थी, वही आज वह काट रहा है। साथ ही कहा कि जब तक सेना दहशत फैलाने वाले संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती, तब तक सैन्य अभियान हंसा के चक्र को थामने में नाकाम रहेंगे।

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द नेशन अखबार ने संपादकीय में लिखा, सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ, जो कुछ भी हुआ उसके बावजूद, आतंकवाद से लड़ते हुए जांबाज सैनिकों की अनगिनत शहादत के बावजूद और सेना द्वारा तालिबान के खिलाफ अभियान चलाने के बावजूद, आप सभी जिहादी संगठनों के खिलाफ एक सरीखी नीति अपनाने से कतरा रहे हैं।हमारे बच्चों की खातिर शीर्षक से प्रकाशित संपादकीय में अखबार ने आगे लिखा कि क्वेटा में सांप्रदायिक तत्वों, अफगान तालिबान और जमात-उद-दावा जैसे अन्य जिहादी संगठनों को संरक्षण मिलना जारी है।

देश आज वही फसल काट रहा है, जो उसने दशकों से बोई थी। डॉन समाचारपत्र ने लिखा, पाकिस्तान को यह मानना पड़ेगा कि उसके पास आतंकवाद का सामना करने के लिए आज तक कोई योजना या रणनीति नहीं है। अखबार ने अपने संपादकीय में लिखा, इन्कार करने की आदत आगे इससे भी भयावह दिन दिखाएगी। संघ शासित कबायली इलाकों में सैन्य अभियानों और शहरों में जारी आतंकरोधी अभियानों से सिवाय थोड़ी मार-काट के ज्यादा कुछ हासिल होने वाला नहीं।

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