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    NSA वार्ता पर पाक को मंजूर नहीं भारत की शर्त

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Fri, 21 Aug 2015 03:09 PM (IST)

    भारत और पाकिस्‍तान के बीच होने वाली राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एनएसए की बैठक से पहले पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री ने एक आपात बैठक बुलाई है। इस बैठक में आर्मी चीफ, गृहमंत्री शामिल हैं। माना जा रहा है कि यह बैठक पाकिस्‍तान द्वारा जम्‍मू कश्‍मीर के अलगाववा‍दी नेताओं से वार्ता के तहत

    इस्लामाबाद। भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एनएसए की बैठक से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने एक आपात बैठक बुलाई है। इस बैठक में आर्मी चीफ, गृहमंत्री शामिल हैं। माना जा रहा है कि यह बैठक पाकिस्तान द्वारा जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से वार्ता के तहत भारत के कड़े रुख के बाद बुलाई गई है। इसमें इस बैठक को लेकर भारत की नाराजगी और मुद्दों पर चर्चा हो रही है।

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    सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान एनएसए बैठक को रद कर सकता है। सूत्रों की मानें तो बैठक में मुद्दों को लेकर पाक को भारत की कोई शर्त मंजूर नहीं है। वह अभी भी हुर्रियत नेताओं से बातचीत पर अड़ा है। वहीं इसको लेकर जम्मू कश्मीर के अलगाववादियों को दोबारा हिरासत में भी लिया जा सकता है। जानकारों की राय के मुताबिक पाकिस्तान के लिए यह वार्ता रद करना आसान है लेकिन कश्मीर मुद्दा छोड़ना बेहद मुश्किल है। इस मुद्दे को छोड़ने की नाराजगी नवाज उफा में भारत-पाक के साझा बयान के तहत देख चुके हैं। इससे पहले पाकिस्तान कॉमनवैल्थ कांफ्रेंस को भी रद कर चुका है।

    गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 23-24 अगस्त को एनएसए की बैठक होनी है जिसको लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। बैठक से पहले ही पाकिस्तान द्वारा जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से वार्ता की मंशा पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया है। भारत सरकार ने पाकिस्तान के NSA सरताज अजीत को दिल्ली में हुर्रियत नेताओं से नहीं मिलने की सलाह दी है।

    भारत पहले भी कई बार कह चुका है कि एनएसए लेवल की बैठक में वह पाकिस्तान को एक बार फिर से अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद के खिलाफ डॉजियर सौंपेगा और 2611 मामले में आवाज के सैंपल भी देगा। भारत के मुताबिक वह उफा की बैठक में यह पहले ही साफ कर चुका है कि इस बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा होगी। वहीं दूसरी ओर जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यह कह चुके हैं कि यदि कश्मीर का मुद्दा इस बैठक में नहीं होगा तो इस बैठक का कोई मतलब नहीं है।