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    फातिमी को लेकर संकट में फंसे नवाज, सेना ने सरकार के कदम को नकारा

    By Kishor JoshiEdited By:
    Updated: Sun, 30 Apr 2017 01:18 PM (IST)

    अपने विश्वस्त सहायक को बर्खास्त करने के मामले में पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ खुद संकटों से घिरते नजर आ रहे हैं।

    फातिमी को लेकर संकट में फंसे नवाज, सेना ने सरकार के कदम को नकारा

    इस्लामाबाद (एजेंसी)। विवादों से घिरे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ संकट में फंस गए हैं। भारत से छद्म युद्ध पर सरकार और सेना की हुई उच्चस्तरीय बैठक की सूचना लीक करने के मामले में शरीफ ने शनिवार को अपने विश्वस्त सहायक सैयद तारिक फातमी को बर्खास्त कर दिया लेकिन देश की ताकतवर सेना ने उनके इस कदम को नकार दिया और कहा कि वह इस मामले की जांच करने वाली समिति की सिफारिशों को पूरी तरह लागू करें। सेना की प्रतिक्रिया आते ही शरीफ सरकार डैमेज कंट्रोल में जुट गई।

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    कहा कि समिति की सिफारिशों को लागू करने की वास्तविक अधिसूचना अभी आना बाकी है। इससे पहले शरीफ सरकार ने फातमी को हटाने की अधिसूचना जारी की थी। इसे लेकर सेना और सरकार के बीच मतभेद असाधारण रूप से सतह पर आ गए। सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्विटर के जरिए सेना का असंतोष जाहिर किया। प्रवक्ता ने कहा कि डॉन में प्रकाशित खबर पर कार्रवाई अपर्याप्त है। इसके कुछ ही मिनट बाद गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने सेना की इस प्रतिक्रिया की आलोचना करते हुए कहा कि ट्विटर पर प्रतिक्रियाएं देश के लिए घातक है। कई अहम मसले हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनसे ट्वीट के जरिए निपटा जा रहा है।

    राज्य संस्थान एक दूसरे को ट्वीट के जरिए सूचनाएं नहीं देते हैं। उन्होंने दावा किया कि अभी कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है। यह है मामला अक्टूबर 2016 में भारत से छद्म युद्ध को लेकर सरकार और सेना के बीच हुई थी। इसमें सरकार व सेना के बीच मतभेद उभरने की खबर डॉन अखबार में छपी थी। बैठक में आईएसआई की कार्यप्रणाली को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के भाई शाहबाज शरीफ और तत्कालीन आईएसआई प्रमुख के बीच गर्मागर्म बहस हो गई थी।

    बैठक की बातें अंग्रेजी अखबार डॉन में प्रकाशित होने पर सेना ने क़़डी आपत्ति जताई थी। उसके बाद तत्कालीन सूचना मंत्री परवेज राशिद को नवाज शरीफ ने हटा दिया था। साथ ही जस्टिस (रिटायर्ड) आमिर रजा खान की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया था। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में विदेश मामलों के विशेषष सहायक फातमी को सूचना लीक करने के लिए प्रारंभिक तौर पर जिम्मेदार माना है। शरीफ की मुश्किलें ब़़ढीं शरीफ के विश्वासपात्र माने जाने वाले फातमी का इस तरह से हटना सरकार के लिए झटका माना जा रहा है। पनामा पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट के जांच के आदेश से शरीफ पहले से ही दबाव महसूस कर रहे हैं। अब सेना के रख से मुश्किलें और ब़़ढ गई हैं।

    पाक गृह मंत्री ने शरीफ-जिंदल मुलाकात का किया समर्थन

    पाकिस्तान ने गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और भारतीय उद्योगपति सज्जन जिंदल की मुलाकात का समर्थन किया है। खान ने कहा कि मुलाकात से पाक प्रधानमंत्री शरीफ ने देश विरोधी काम नहीं किया है। इस सप्ताह की शुरआत में जिंदल और शरीफ की बैठक की पाकिस्तान में विपक्ष और कुछ विशेषज्ञों ने आलोचना की थी। खान ने कहा कि भारत को लेकर हमारे विचार को सभी जानते हैं। भारत विरोधी भावनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 1999 में जब तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लाहौर आए थे तब वह अकेले कैनिबेट मंत्री थे जो उनकी अगवानी के लिए नहीं गए थे।

    खान ने कहा कि शरीफ पूरी तरह देशभक्त हैं। पाक गृह मंत्री कराची में संवाददाताओं के सवाल का जवाब दे रहे थे। सज्जन जिंदल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाक प्रधानमंत्री शरीफ दोनों के मित्र बताए जाते हैं। उन्हें दोनों देशों के बीच बैक चैनल संपर्क बनाने वाला भी माना जाता है। जिंदल के इस दौरे से भारत--पाक द्विपक्षीय बातचीत फिर शुरू होने की अटकलें लगनी शुरूहो गई थीं। 

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