मिस्र के अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को 20 साल की जेल
मिस्र के अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को अदालत ने 20 साल जेल की सजा सुनाई है। मुर्सी को इत्तिहादिया प्रेसीडेंसियल पैलेस के बाहर दिसंबर 2012 में प्रदर्शनकारियों की हत्या करवाने के मामले में सजा सुनाई गई है। इस मामले में अदालत ने 63 साल के मुर्सी के अलावा मुस्लिम ब्रदरहुड
काइरो। मिस्र के अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को अदालत ने 20 साल जेल की सजा सुनाई है। मुर्सी को इत्तिहादिया प्रेसीडेंसियल पैलेस के बाहर दिसंबर 2012 में प्रदर्शनकारियों की हत्या करवाने के मामले में सजा सुनाई गई है। इस मामले में अदालत ने 63 साल के मुर्सी के अलावा मुस्लिम ब्रदरहुड के 12 शीर्ष नेताओं को भी 20 साल जेल की सजा सुनाई है।
सजा सुनाए जाने के वक्त सभी अभियुक्त राष्ट्रीय पुलिस अकादमी स्थित अस्थायी अदालत कक्ष के भीतर साउंडप्रूफ शीशे के कटघरे में खड़े थे। न्यायाधीश अहमद यूसुफ ने हत्या के आरोपों को हटाते हुए कहा कि यह सजा 'ताकत के प्रदर्शन' और गैरकानूनी हिरासत को लेकर है।
उल्लेखनीय है कि 2011 में होस्नी मुबारक की सत्ता का अंत होने के बाद मुर्सी ने देश की कमान संभाली थी। लेकिन, जुलाई 2013 में हजारों लोगों के सड़कों पर उतरने के बाद सेना ने उन्हें अपदस्थ कर दिया था।
क्या है मामला?
दिसंबर 2012 में राष्ट्रपति भवन के पास प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बल प्रयोग किया गया था। इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में मुर्सी और 13 अन्य को प्रदर्शनकारियों की हत्या, हथियार रखने और हिंसा भड़काने का आरोपी बनाया गया था।
परेशानियों का अंत नहीं
फिलहाल जेल में बंद मुर्सी के खिलाफ यह पहला मामला है जिसमें सजा सुनाई गई है। उनके खिलाफ साल 2011 की क्रांति के दौरान जेल से भागने, जासूसी, न्यायपालिका का अपमान करने और अल जजीरा चैनल को राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व से जुड़े दस्तावेज सौंपने के भी आरोप हैं। मिस्र के अखबार अल-अहराम के मुताबिक जेल से भागने के मामले में इस साल 16 मई को फैसला सुनाया जाएगा।
हजारों गिरफ्तारियां
मुर्सी को अपदस्थ किए जाने के बाद मुस्लिम ब्रदरहुड पर प्रतिबंध लगाकर हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया था। मिस्र की अलग-अलग अदालतों में इनके खिलाफ मामला चल रहा है। सोमवार को एक अदालत ने मुस्लिम ब्रदरहुड के 22 समर्थकों को मौत की सजा सुनाई थी। इनलोगों पर जुलाई 2013 में एक पुलिस स्टेशन पर हमला करने और अधिकारी की हत्या का आरोप था। इससे पहले मार्च में मुस्लिम ब्रदरहुड के शीर्ष नेता मोहम्मद बेदी और 13 अन्य को मौत की सजा सुनाई गई थी।