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    आसियान में भी दक्षिण चीन सागर पर नहीं बनी सहमति

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Sun, 24 Jul 2016 09:18 PM (IST)

    साउथ चाइना सी में चीन की विस्तारवादी नीति को लेकर आसियान भी आम सहमति तक नहीं पहुंच सका।

    विएंतियाने (लाओस), एपी/रायटर: दक्षिण चीन सागर में चीन की विस्तारवादी नीति के मुद्दे पर दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों का संगठन आसियान भी आम सहमति तक पहुंचने में असफल रहा है। वैसे बैठक से पूर्व आसियान ने शांति, स्थिरता और क्षेत्र के विकास के लिए प्रयास जारी रखने का वादा किया था। अधिकारियों ने बताया कि बैठक में कंबोडिया अपनी मांग पर अड़ गया कि इस मामले में चीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत के आदेश पर विचार नहीं किया जाए।

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    आसियान का यह सम्मेलन दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र समर्थित हेग स्थित स्थायी मध्यस्थता न्यायालय (पंचाट) द्वारा इस महीने के शुरू में दी गई व्यवस्था के बाद पहली बड़ी क्षेत्रीय वार्ता है। पंचाट ने कहा था कि दक्षिण चीन सागर पर चीन का ऐतिहासिक अधिकार नहीं है। समुद्री जल-सीमा विवाद में यह फिलीपींस की जोरदार जीत थी।

    चीन ने हालांकि इस फैसले को मानने से इन्कार कर दिया था। दक्षिण चीन सागर के अधिकतर हिस्से पर चीन अपना दावा करता है। आसियान सदस्य फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया और ब्रुनेई भी इस पर अपना दावा करते हैं। चीन का कहना है कि पंचाट के आदेश का दक्षिण चीन सागर में उसके अधिकार से कोई संबंध नहीं है। उसने अदालती कार्रवाई को ढोंग करार दिया है।

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    आसियान के अधिकारियों ने बताया कि फिलीपींस और वियतनाम चाहते थे कि संगठन के देशों के विदेश मंत्री अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के आदेश के हवाले से सरकारी सूचना जारी करें।

    मामले में दखल न दे जापान: चीन

    चीन ने जापान से कहा है कि वह दक्षिण चीन सागर मामले में हस्तक्षेप न करे क्योंकि वह इस मामले में सीधे तौर पर शामिल नहीं है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, 'दक्षिण चीन सागर मामले में जापान कोई पक्ष नहीं है। उसे कोई अधिकार नहीं है कि वह मामले में चीन पर किसी भी तरह का दोषारोपण करे।'

    वहीं, जापान के विदेश मंत्री फुमियो किशिदा ने कहा है कि आसियान और अन्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान अगर उन्हें अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मिलने का मौका मिला तो वह इस मुद्दे पर बात करेंगे।

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