एयरलाइंस कंपनी यात्रियों को करा सकेंगी बैटरी चालित विमान से सैर
इसमें 14 इलेक्टि्रक इंजन होंगे, इससे ध्वनि प्रदूषण कम होगा। इसके अलावा ईधन की खपत कम होगी और वायु प्रदूषण भी नाममात्र का होगा।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा बैटरी से चलने वाला विमान बनाने में जुटी है। इसमें 14 इलेक्टि्रक इंजन होंगे। आम विमान की तुलना में इससे ध्वनि प्रदूषण कम होगा। इसके अलावा ईधन की खपत कम होगी और वायु प्रदूषण भी नाममात्र का होगा।
नासा ने एक्स-57 प्रायोगिक विमान का नाम स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक जेम्स मैक्सवेल पर रखा है। अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक सभी 14 इंजनों को विशेष रूप से बनाए गए विमान के डैने में ही फिट किया जाएगा। नासा के प्रशासक चार्ल्स बोल्डेन ने बताया कि एक्स-57 के जरिये विमानन की दुनिया में एक नए युग की शुरुआत होगी। विशेषज्ञ ऐसे पांच बड़े एक्स-प्लेन बनाने की तैयारी में हैं।
उनका मानना है कि ईधन की कम खपत, परिचालन के खर्च में उल्लेखनीय कमी, खतरनाक गैसों का कम उत्सर्जन ध्वनि प्रदूषण में कमी के चलते विमानन उद्योग इसे हाथों-हाथ लेगा। 1947 में एक्स श्रेणी का पहला विमान एक्स-1 बनाया गया था। यह ध्वनि की गति से तेज चलने में सक्षम था। वैज्ञानिक इतालवी विमान टेकनेम पी-2006-टी नामक दो इंजन वाले हलके विमान के मॉडल पर एक्स-57 विकसित कर रहे हैं।
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