मुस्लिम देशों पर अमेरिकी प्रतिबंध से बढ़ सकता है आतंकी संगठनों का हौसला
ऐसा माना जा रहा है कि ट्रंप के इस फैसले का अहम कूटनीतिक नतीजा आनेवाले दिनों में सामने आ सकता है।
कायरो, एजेंसी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सात मुस्लिम बहुल देशों से आ रहे शरणार्थियों के आने पर रोक लगा दी है। ऐसा माना जा रहा है कि ट्रंप के इस फैसले का अहम कूटनीतिक नतीजा आनेवाले दिनों में सामने आ सकता है। इससे अमेरिकी लोगों को लेकर धारणाएं बिगड़ सकती है और जिन पर ट्रंप निशाना साध रहे हैं उन आतंकी संगठनों को अमेरिका के खिलाफ भड़काया जा सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप का रूख चुनाव प्रचार के दौरान से ही इस बात का सबूत रहा है जब उन्होंने अमेरिका में मुस्लिम देशों से आ रहे लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह पाबंदी लगाने की जोरदार हिमायत की थी। हालांकि, ट्रंप ने अपने रूख को थोड़ा लचीला करते हुए शुक्रवार को जब मुस्लिम देशों से आ रहे शरणार्थियों के प्रवेश पर पाबंदी के आदेश दिए तो उन्होंने कहा कि अमेरिका मुस्लिमों को नहीं बल्कि आतंकियों को अपने यहां से बाहर रखना चाहता है।
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ट्रंप ने सात मुस्लिम बहुल देशों के शरणार्थियों की एंट्री पर रोक के आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि हम उन्हें यहां नहीं देखना चाहते हैं। हम इस बात को सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उन खतरों को देश के अंदर ना आने दें जिनसे हमारे सैनिक देश से बाहर लड़ रहे हैं।
लेकिन, डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से जो फैसले दिए गए है उस पर चौतरफा कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की जा रही है। इंरव्यू में मुस्लिम बहुल देशों के दर्जनों अधिकारियों, विश्लेषकों और आम जनताओं ने ट्रंप के इस आदेश को उकसावे की कार्रवाई बताते हुए इस ओर इशारा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति पूरे इस्लाम को एक समस्या मानते हैं।
इराकी नेता और वहां के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मउवफ्क अल-रूबेय ने कहा, मै ऐसा सोचता हूं कि यह पूरे मुस्लिम दुनिया को अलग-थलग करने का प्रयास है। इंस्तांबुल की बिल्गी यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर इल्तर तुरान ने कहा, आतंकवादी ये कह सकते हैं कि यह देखो उनके निशाने पर आतंकी नहीं बल्कि सारे मुसलमान है।
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गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा निर्णय लेते हुए सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगा दी। यह रोक फिलहाल 90 दिनों के लिए लगाई गई है जिसे बढ़ाया भी जा सकता है। जिन देशों के नागरिकों के आने पर रोक लगाई गई है उनके नाम- ईरान, इराक, सीरिया, लीबिया, यमन, सूडान और सोमालिया हैं। इसी के साथ ट्रंप ने अमेरिका के शरणार्थी कार्यक्रम पर भी चार महीने के लिए रोक लगा दी है। इसके चलते अमेरिका में किसी भी देश के शरणार्थी प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
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