'21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने की क्षमता बढ़ाता है मालाबार अभ्यास'
मौजूदा समय में चीन ज्यादा ही आक्रामक हो गया है और हिंद महासागर में अपनी सैन्य मौजूदगी को बढ़ा रहा है। इसको देखते हुए मालाबार अभ्यास को बेहद खास नजर से देखा जा रहा है।
वाशिंगटन, पीटीआई। भारत, जापान और अमेरिका 'साझा मूल्यों एवं हितों' से जुड़े हुए हैं और उनका मालाबार अभ्यास 21वीं सदी की चुनाैतियों से निपटने की नौसेना क्षमता को बेहतर बनाता है। एक शीर्ष अमेरिकी सांसद ने यह बात कही है।
गौरतलब है कि 10 जुलाई से बंगाल की खाड़ी में शुरू हुए पांच दिवसीय मालाबार अभ्यास में 95 विमानों, 16 जहाजों और दो पनडुब्बियों ने हिस्सा लिया। मालाबार अभ्यास का यह 21वां संस्करण ऐसे समय में आयोजित किया गया, जब चीन ज्यादा ही आक्रामक हो गया है और हिंद महासागर में अपनी सैन्य मौजूदगी को बढ़ा रहा है। वह श्रीलंका, बांग्लादेश और पाकिस्तान में अपने बंदरगाह बना रहा है।
अमेरिकी सांसद जोकिन कास्त्रो ने कहा कि यह सालाना अभ्यास हमारे देश की नौसेनाओं को 21 वीं शताब्दी की चुनौतियों से निपटने की क्षमता में सुधार करने का एक साथ सुअवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका, भारत और जापान के बीच भागीदारी क्षेत्रीय सुरक्षा एवं समृद्धि के लिए बेहद कारगर है। कास्त्रो के अनुसार, तीनों देश साझा मूल्यों एवं हितों से जुड़े हुए हैं और लोकतंत्र के सिद्धांतों एवं वैश्विक कानून को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
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