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पांच साल के सफर के बाद आज जूनो बृहस्पति ग्रह की कक्षा में कर सकता है प्रवेश

करीब 1 अरब डॉलर की लागत वाले इस अभियान का मकसद बृहस्पति के विकिरण बेल्ट में प्रवेश करते हुए इस ग्रह का अध्यन करना है।

By Atul GuptaEdited By: Published: Mon, 04 Jul 2016 11:31 AM (IST)Updated: Mon, 04 Jul 2016 02:00 PM (IST)

नई दिल्ली,पीटीआई। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के लिए आज का दिन एतिहासिक साबित हो सकता है क्योंकि बृहस्पति ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने के लिए साल 2011 में उसने जो अंतरिक्ष यान भेजा था वो आज बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश कर सकता है।

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करीब 1 अरब डॉलर की लागत वाले इस अभियान का मकसद बृहस्पति के विकिरण बेल्ट में प्रवेश करते हुए इस ग्रह का अध्यन करना है। माना जाता है कि बृहस्पति सबसे पुराना ग्रह है और इसका द्रव्यमान पृथवी की तुलना में 300 गुना ज्यादा है इसलिए वहां गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र बहुत शक्तिशाली है।

क्या है जूनो अंतरिक्ष यान?

नासा द्वारा साल 2011 में भेजा गया जूना अंतरिक्ष यान टेनिस कोर्ट के आकार का यान है और इसका वजन करीब 3 टन है। जूनो के सामने बृहस्पति ग्रह को घेरे हुए बादलों के बीच विकिरण बेल्ट में सही दिशा में बने रहने की चुनौती है।

बृहस्पति ग्रह की क्या है खासियत?

इस ग्रह का औसतन तापमान -145 डिग्री सेल्सियस रहता है। इसको सूर्य की परिक्रमा करने में 12 साल का समय लगता है। इसके चार बड़े और 60 छोटे आकार के चंद्रमा हैं। यह पृथ्वी की तुलना में 11 गुना अधिक बड़ा है। इसका चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी की तुलना में 20 हजार गुना अधिक शक्तिशाली है।

पढ़ें- दुनिया का सबसे शक्तिशाली राकेट बना रही नासा


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