मशाल को गाजा में ही मार देना चाहिए था : मोफाज
यरूशलम। इजरायल को हमास नेता खालिद मशाल की गाजा पंट्टी में ही हत्या कर देनी चाहिए थी। निर्वासन की जिंदगी बिता रहे मशाल 45 साल के बाद हाल ही में गाजा पंट्टी लौटे हैं। इजरायल के सांसद और विपक्षी पार्टी कादिमा के नेता शाहुल मोफाज ने अपने बयान में यह बात कही। पूर्व रक्षा मंत्री मोफाज ने गत शनिवार को अपने एक बयान में कहा, 'हमें मौके का फा
यरुशलम। इजरायल को हमास नेता खालिद मशाल की गाजा पंट्टी में ही हत्या कर देनी चाहिए थी। निर्वासन की जिंदगी बिता रहे मशाल 45 साल के बाद हाल ही में गाजा पंट्टी लौटे हैं। इजरायल के सांसद और विपक्षी पार्टी कादिमा के नेता शाहुल मोफाज ने अपने बयान में यह बात कही।
पूर्व रक्षा मंत्री मोफाज ने गत शनिवार को अपने एक बयान में कहा, 'हमें मौके का फायदा उठाते हुए, दुश्मन को मौत के घाट उतार देना चाहिए था। मैं सुझाव दूंगा कि मशाल जितनी जल्दी हो सके अपना बोरिया बिस्तर बांध कर गाजा से बाहर चला जाए।' वेस्ट बैंक का जिक्र करते हुए मोफाज ने कहा, 'यदि इजरायल फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास पर दबाव बनाए रखता है और हमास के साथ मजूबत सौदा नहीं करता है, तो हम मशाल को जल्द ही वेस्ट बैंक के जूडिया और समारिया इलाके में देखेंगे।'
हमास स्थापना की 25वीं सालगिरह मना रहा है और इस मौके पर विजय रैली करने वाला है। मशाल ने शनिवार को अपने बयान में कहा कि वह इजरायल को फलस्तीन की एक इंच जमीन देने और उसे यहूदी देश की मान्यता देने से इन्कार करते हैं। 25 सितंबर, 1997 को इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के सदस्यों ने जार्डन के शहर अम्मान में मशाल को मारने की कोशिश की थी। उन्हें जहर से भरा इंजेक्शन दिया गया था। तीनों हमलावरों ने बाद में इजरायली दूतावास में शरण ले ली थी। लेकिन बाद में दोनों को जार्डन के अधिकारियों द्वारा पकड़ लिया गया था। मशाल लंबे समय तक कोमा में रहे। जार्डन के नाराज राजा किंग हुसैन ने कहा था कि अगर इजरायल अपने एजेंटों को वापस चाहता है, तो उसे जहर निवारक औषधि के बारे में बताना होगा।
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