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    ईरान को इजराइली पीएम की खुली चुनौती, कहा-हम नहीं हैं खरगोश

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Fri, 16 Dec 2016 06:01 AM (IST)

    इजराइल के पीएम नेतन्याहू ने कहा कि अगर ईरान परेशान करेगा तो उनका देश किसी भी हद तक जाकर मुकाबला करेगा।

    जेरुशलम (जेएनएन) । इजराइल और अरब देशों के बीच आपसी दुश्मनी वर्षों पुरानी है। जैसे को तैसे में यकीन रखने वाले इजराइल ने ईरान को धमकी देते हुए कहा कि वो शेर हैं, खरगोश नहीं। दरअसल पूरा मामला कुछ यूं है। कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में कजाक राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव ने इजराइली पीएन नेतन्याहू से पूछा कि अगले हफ्ते कजाक दौरे पर आने वाले ईरानी राष्ट्रपति के लिए क्या वो कोई संदेश देना चाहेंगे। कजाक राष्ट्रपति के इस सवाल पर नेतन्याहू ने कहा कि आप उनसे पूछें कि वो इजराइल को बार-बार धमकी क्यों देते रहते हैं। आप उनको बता दीजिएगा कि इजराइल के लोग खरगोश नहीं बल्कि शेर हैं।

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    ईरान को खुली चुनौती

    सीरिया के अलेप्पो शहर पर ईरान और रूस समर्थित सीरियाई सेना के कब्जे के बाद इजराइल में इस बात की चिंता बढ़ गई है कि इस जीत से भौगोलिक तौर पर सीमाओं में परिवर्तन हो सकता है,जो इजराइल के हित में नहीं होगा। द जेरुशलम पोस्ट के मुताबिक नेतन्याहू ने नजरबायेव से कहा कि अगर कोई इजराइल को नष्ट करने के बारे में सोचेगा तो हम उसे तबाह कर देंगे। नजरबायेव ने जब ये पूछा कि क्या इजराइल को खत्म करने के बारे ईरान सोचता है तो उन्होंने कहा कि बिल्कुल ऐसा ही है।

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    ईरान-इजराइल के बीच विवाद

    ईरान इस बात कि हिमायत करता रहा है कि यहुदी राज्य के बने रहने का मतलब नहीं है। सीरिया के अलेप्पो शहर पर कब्जा स्थापित किए जाने के बाद ईरान अब इजराइल के मुद्दे पर आक्रामक रणनीति पर काम कर सकता है। ईरान अपनी खुद के रिवोल्युशनरी गार्ड्स या शिया प्राक्सी की मदद से अफगानिस्तान से भूमध्यसागर तक अपने प्रभाव को बढ़ा रहा है। हथियारों तक बेहतर पहुंच की वजह से ईरान सीरिया के दक्षिण तट पर स्थित भूमध्यसागर में टार्टस पोर्ट पर अपने आपको मजबूत कर चुका है। इसके अलावा हेज्बोल्ला आतंकियों की ताजा हमलों से इजराइल के हुक्मरान परेशान हैं।

    हेज्बोल्ला के निशाने पर इजराइल

    हाल के महीनों में हेज्बोल्ला और इजराइली सेना के बीच कई मुठभेड़ हो चुकी हैं। 2006 से जारी लड़ाई में अब तक एक हजार से ज्यादा हेज्बोल्ला विद्रोही अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 160 इजराइली सैनिकों को भी अपने जान से हाथ धोना पड़ा है। इजराइल के रक्षा जानकारों का कहना है कि उनके कब्जे में आने वाले गोलन हाइट्स पर कब्जे के लिए ईरान कई बार कोशिश कर चुका है। अलेप्पो पर सीरियाई सेना के कब्जे के बाद गोलन हाइट्स पर अपनी नजरों को केंद्रित कर सकता है।

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    गोलन हाइट्स पर बढ़ सकता है विवाद

    ईरान सामरिक रणनीति के तहत गोलन हाइट्स के पास खुद की फौज को उतार सकता है या हेज्बोल्ला आतंकियों को मदद देकर इजराइल को नुकसान पहुंचा सकता है। इजराइल के जानकारों का कहना है कि मध्यपूर्व में सिर्फ उनके पास ही परमाणु हथियार वैध तौर पर हैं ऐसे में ईरान सीधे तौर पर परेशान नहीं करेगा। लेकिन इजराइल में छापामार हमलों को अंजाम देकर अस्थिर करने की कोशिश की जा सकती है।

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