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    आजादी के जश्न के बीच पाकिस्तान में सरकार विरोधी जंगी प्रदर्शन

    By Edited By:
    Updated: Thu, 14 Aug 2014 06:02 PM (IST)

    पाकिस्तान में आजादी के जश्न के दौरान गुरुवार को दो बड़े नेताओं ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे और नए सिरे से चुनाव की मांग के समर्थन में लाहौर से ...और पढ़ें

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    लाहौर/इस्लामाबाद। पाकिस्तान में आजादी के जश्न के दौरान गुरुवार को दो बड़े नेताओं ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे और नए सिरे से चुनाव की मांग के समर्थन में लाहौर से इस्लामाबाद की ओर हजारों समर्थकों के साथ कूच किया।

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    क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान और कनाडा निवासी धार्मिक नेता ताहिर-उल-कादरी अपने हजारों समर्थकों के साथ पूर्वी शहर लाहौर से विशाल रैली की शक्ल में राजधानी इस्लामाबाद की ओर निकले। लाहौर से इस्लामाबाद की दूरी 370 किलोमीटर है। इन दोनों समूहों ने शरीफ सरकार पर दबाव बनाने की लिए रैली निकाली। उन्होंने सरकार के इस्तीफे तक इस प्रदर्शन को जारी रखने की घोषषणा की है।

    सुबह लाहौर के जर्मन पार्क से इमरान का 'आजादी मार्च' इस्लामाबाद के लिए रवाना हुआ। इस दौरान इमरान खान ने कहा कि आजादी केवल संघर्ष से मिलती है। आजादी हमें खाने की प्लेट में सजा कर नहीं मिलेगी, इसे छीनना पड़ता है। इमरान के बाद कादरी का 'क्रांति मार्च' भी मॉडल टाउन से शुरू हुआ। नवाज शरीफ को चुनावों में जीत हासिल किए अभी एक साल से कुछ ही अधिक समय हुआ है।

    रैलियों का उद्देश्य

    इमरान खान पिछले साल हुए चुनावों में कथित हेरफेर को लेकर सरकार को बेदखल करना चाहते हैं। इन चुनावों में उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को शिकस्त मिली थी। वहीं कादरी देश में एक क्रांति लाना चाहते हैं।

    सरकार की तैयारी

    इन विरोध प्रदर्शनों से निपटने की तैयारी करते हुए शरीफ की सरकार ने राजधानी को एक किले के रूप में तब्दील कर दिया है। राजधानी को बड़े-बड़े शिपिंग कंटेनरों, कंटीले तारों और गहरे गड्ढों की मदद से बंद कर दिया गया है। इस्लामाबाद में लगभग हर प्रवेश स्थल को पुलिस और अर्धसैनिक बलों के करीब 25 हजार जवानों ने रोक कर रखा है।

    शरीफ ने ली सलामी

    इसी बीच स्वतंत्रता दिवस समारोहों के दौरान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सलामी ली और परेड में भाग लेने वालों को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आइए एक साथ मिलकर संकल्प लें कि हम किसी को भी संविधान की सर्वोच्चता, कानून के शासन और लोकतंत्र की निरंतरता को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे। संसद परिसर में आयोजित समारोह में तीनों सेनाओं के प्रमुख, मंत्री, राजनयिक, वरिष्ठ अधिकारी और कारोबारी मौजूद थे। शरीफ ने कहा कि वह अपने पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध चाहते हैं और पिछले दिनों उन्होंने भारत के साथ अच्छे संबंध नहीं होने पर खेद जताया था।

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