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    सेना और आइएस के बीच इराक के मोसुल में अहम मोड़ पर जंग

    By Tilak RajEdited By:
    Updated: Tue, 21 Feb 2017 01:12 PM (IST)

    पश्चिमी मोसुल में इराकी गठबंधन सेना ने आइए के खिलाफ ताजा बख्तरबंद हमला शुरू किया है। इराक के प्रधानमंत्री और अमेरिकी सेना के जनरल आइएस को यहां से पूरी तरह साफ करने का दावा भी कर रहे हैं।

    सेना और आइएस के बीच इराक के मोसुल में अहम मोड़ पर जंग

    मोसुल, एपी। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के खिलाफ इराक के शहर मोसुल में जंग काफी अहम दौर से गुजर रही है। मोसुल के पश्चिमी हिस्से को आइएस से छुड़ाने के लिए जारी जंग अब अंजाम की ओर बढ़ रहा है। दूसरे दिन भी आतंकियों पर इराकी सेना के साथ-साथ अमेरिकी, तुर्की, ब्रिटेन और कुर्दिश फौजों के तेज हमले हो रहे हैं। इस बीच अमेरिकी रक्षा सचिव ने अधिकारियों से मिल आइएस के खिलाफ चल रही इस जंग पर चर्चा की।

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    इराकी सेना अब कुछ गांवो को छुड़ाने के बाद अबु सैफ़ नाम के इलाके की ओर बढ़ रही है। रविवार को अबु सैफ गांव पर इराकी सेना ने हेलीकॉप्टरों से रॉकेट दागे थे। इस कस्बे में हजारों आइएस लड़ाके और कई कार बम मौजूद हैं। लेकिन इराकी सेना ने गांव के काफी हिस्से और पहाडि़यों पर अपना कब्जा कर लिया है। दरअसल, पश्चिमी मोसुल के पुराने इलाकों में, जहां काफी संकरी गलियां हैं, वहां इराकी फौज के लिए ना तो तोपें ज्यादा मददगार साबित होंगी और ना ही बख्तरबंद गाड़ियां ही उन्हें खास फायदा पहुंचाएंगी।

    इराकी सेना ने IS आतंकियों को खदेड़ा, आधा मोसुल आजाद

    पश्चिमी मोसुल में इराकी गठबंधन सेना ने आइए के खिलाफ ताजा बख्तरबंद हमला शुरू किया है। इराक के प्रधानमंत्री और अमेरिकी सेना के जनरल आइएस को यहां से पूरी तरह साफ करने का दावा भी कर रहे हैं। इन सबसे दूर सीरिया के डेरी ज़ोर शहर में रह रहे सरकारी फौज और करीब 90,000 आम नागरिकों को IS ने अलग-थलग कर दिया है। सीरिया के राष्ट्रपति असद के हेलिकॉप्टर और सीरियन सेना के कारण पिछले 5 साल से यहां IS अपना कब्जा नहीं जमा पाया था।

    पिछले 3 सालों में करीब 4 बार मोसुल में IS के खिलाफ जंग का बिगुल बजाया जा चुका है। अमेरिका के नए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को भी मध्यपूर्व में IS के खिलाफ जीत हासिल करने की सख्त जरूरत है। ट्रंप अपने चुनावी भाषणों में कई बार अमेरिकी जनता से वादा कर चुके हैं कि वह सत्ता में आने के बाद IS का खात्मा कर देंगे। अब देखना है कि मोसुल में सेना और आतंकियों के बीच कितनी लंबी खिंचती है।

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