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सैन्य कार्रवाई फिर शुरू, भारतीय मूल के इजरायली सैनिक की मौत

इजरायल ने रविवार को गाजा में फिर से सैन्य कार्रवाई प्रारंभ कर दी। संयुक्त राष्ट्र के अनुरोध पर इजरायल द्वारा संघर्ष विराम की अवधि 24 घंटे बढ़ाने की घोषणा को अस्वीकार करते हुए फलस्तीनी आतंकी संगठन हमास द्वारा रॉकेट हमले जारी रखने पर उसने यह कदम उठाया है।

By Edited By: Published: Sun, 27 Jul 2014 05:35 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jul 2014 05:35 PM (IST)
सैन्य कार्रवाई फिर शुरू, भारतीय मूल के इजरायली सैनिक की मौत

गाजा। इजरायल ने रविवार को गाजा में फिर से सैन्य कार्रवाई प्रारंभ कर दी। संयुक्त राष्ट्र के अनुरोध पर इजरायल द्वारा संघर्ष विराम की अवधि 24 घंटे बढ़ाने की घोषणा को अस्वीकार करते हुए फलस्तीनी आतंकी संगठन हमास द्वारा रॉकेट हमले जारी रखने पर उसने यह कदम उठाया है। गाजा में पिछले 20 दिनों से जारी संघर्ष में 1050 फलस्तीनी और 46 इजरायली मारे जा चुके हैं। इनमें भारतीय मूल का एक सैनिक बराक राफेल देगोरकर [27] भी शामिल है। यूनिसेफ का कहना है कि मरने वालों में 192 बच्चे शामिल हैं।

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इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र के अनुरोध पर रविवार को गाजा में मानवीय आधार पर संघर्ष विराम 24 घंटे के लिए बढ़ाने की घोषणा की थी। लेकिन हमास ने रॉकेट हमले प्रारंभ कर दिए और संघर्ष विराम को अस्वीकार कर दिया। हमास का कहना है कि गाजा से इजरायली टैंकों की वापसी के बिना कोई भी संघर्ष विराम मान्य नहीं है। शनिवार देर रात इजरायली कैबिनेट की बैठक के बाद संघर्ष विराम की अवधि बढ़ाने का फैसला लिया गया था। हालांकि कैबिनेट की ओर से चेतावनी दी गई थी कि फलस्तीनी आतंकियों द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन किए जाने पर इजरायली सेना कार्रवाई करेगी। इस बीच शनिवार को पेरिस में हजारों लोगों ने इजरायल विरोधी प्रदर्शन में भाग लिया। मीडिया रिपोर्टो में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों के ¨हसक होने के बाद 40 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।

ाजा में रहे भारतीयों की आपबीतीनई दिल्ली। गाजा में लखनऊ के मूल निवासी 35 वर्षीय अब्दुल रहमान का रमजान महीने का रोजा मुअज्जिन की पुकार से नहीं, बल्कि बम धमाकों की कानफोड़ू आवाज से टूटता था। रहमान ने लखनऊ से फोन पर बताया, 'हमारे चारों ओर हमेशा बम फूटते रहते थे। आकाश से रॉकेट की बौछार होती रहती थी। धमाके देखना और उसकी आवाज सुनना रोज का काम हो गया था। हमारा रोजा भी धमाके की पृष्ठभूमि में शुरू होता था और खत्म होता था।' उनकी पत्नी और एकलौते बेटे शाहरुख को तो अब भी विश्वास नहीं हो रहा है कि वह संघर्ष प्रभावित क्षेत्र में बच गए और सुरिक्षत घर लौट आए। रहमान उन चार भारतीय टेलरों में शामिल हैं जो पिछले दो वर्षों से गाजा में काम कर रहे थे। इन चारों को हाल में ही में गाजा से निकाला गया है।

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