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भारत-नेपाल रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलाने की पहल

भारत और नेपाल के बीच संबंधों को नए स्तर तक ले जाने के लक्ष्य के साथ शनिवार को काठमांडू में 23 सालों बाद भारत-नेपाल के संयुक्त आयोग की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने की। बैठक के बाद स्वराज ने नेपाल के प्रमुख नेताओं से भी मुलाकात की।

By Edited By: Published: Sat, 26 Jul 2014 04:45 PM (IST)Updated: Sat, 26 Jul 2014 08:41 PM (IST)
भारत-नेपाल रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलाने की पहल

काठमांडू। भारत और नेपाल के बीच संबंधों को नए स्तर तक ले जाने के लक्ष्य के साथ शनिवार को काठमांडू में 23 सालों बाद भारत-नेपाल के संयुक्त आयोग की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने की। बैठक के बाद स्वराज ने नेपाल के प्रमुख नेताओं से भी मुलाकात की।

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संयुक्त आयोग की बैठक में दोनों पक्षों ने रक्षा, सुरक्षा, व्यापार व निवेश, जल संसाधन तथा सीमा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। बैठक की सहअध्यक्षता नेपाली विदेशी मंत्री महेंद्र बहादुर पांडे ने की। दोनों पक्षों में नए क्षेत्रों में सहयोग के जरिए संबंधों को पुनर्जीवित करने पर सहमति बनी। बैठक में सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान और दोनों देशों के बीच सभी संभावित अवसरों के लिए सुझाव देने हेतु प्रबुद्ध लोगों का एक समूह बनाने का निर्णय भी लिया गया। भारत की ओर से बैठक में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों में विदेश सचिव सुजाता सिंह के अतिरिक्त सड़क यातायात व राजमार्ग मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय के उच्चाधिकारी शामिल रहे।

बैठक के बाद सुषमा स्वराज ने नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव, प्रधानमंत्री सुशील कोइराला और यूसीपीएन-माओवादी के प्रमुख व नेता विपक्ष प्रचंड से भी अलग-अलग मुलाकात की। नेपाली नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए भारतीय सरकार के प्रयासों के प्रति खुशी और उत्साह प्रकट किया। उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने पर भी जोर दिया। सुषमा के दौरे का उद्देश्य तीन अगस्त से नेपाल के दो दिनी आधिकारिक दौरे पर आ रहे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अग्रिम तैयारी करना भी है। 17 वर्षो बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री नेपाल के दौरे पर आ रहा है। इससे पहले 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री आइ. के. गुजराल नेपाल आए थे।

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