Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ब्रिटेन की चिकित्सा प्रणाली में भारतीय डॉक्टरों से भेदभाव

    By Mohit TanwarEdited By:
    Updated: Sun, 16 Apr 2017 05:23 PM (IST)

    यह रहस्योद्घाटन ब्रिटेन की जनरल मेडिकल काउंसिल के 1996 से 2013 तक के आंकड़ों के विश्लेषण से किया गया है। ...और पढ़ें

    Hero Image
    ब्रिटेन की चिकित्सा प्रणाली में भारतीय डॉक्टरों से भेदभाव

    लंदन, प्रेट्र। ब्रिटेन की चिकित्सा प्रणाली में भारत में प्रशिक्षित डॉक्टरों को भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उनको प्रदर्शन मूल्यांकन जांच से गुजरने की पांच गुना ज्यादा आशंका रहती है। हालांकि इस स्थिति का सामना दूसरे देश के डॉक्टरों को भी करना पड़ता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह रहस्योद्घाटन ब्रिटेन की जनरल मेडिकल काउंसिल (जीएमसी) के 1996 से 2013 तक के आंकड़ों के विश्लेषण से किया गया है। इससे जाहिर हुआ कि भारतीय चिकित्सकों को सरकारी धन से संचालित नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) में प्रदर्शन मूल्यांकन से गुजरने की पांच गुना ज्यादा आशंका रही। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की ओर से किए गए इस विश्लेषण के अनुसार, ब्रिटेन में प्रशिक्षित डॉक्टरों की अपेक्षा बाहरी डॉक्टरों के प्रदर्शन मूल्यांकन की दर उच्च रही।

    इस शोध के मुख्य लेखक डॉ. हेनरी पॉट्स ने कहा कि इसकी संभवत: बड़ी वजह चिकित्सा प्रणाली में पक्षपात हो सकती है। हमने इस मामले को उठाया है और हमारा मानना है कि इस पर और शोध की जरूरत है। रिपोर्ट में वैश्विक टेस्ट की सिफारिश की गई है। इससे असंतुलन को दूर करने में मदद मिलेगी। जीएमसी की उप प्रमुख कार्यकारी अधिकारी सुसैन गोल्डस्मिथ ने कहा, 'हम मेडिकल लाइसेंसिंग एसेसमेंट के बारे में विचार कर रहे हैं जो ब्रिटेन में प्रैक्टिस करने के इच्छुक डॉक्टरों के लिए जरूरी होगा। भले ही वे दुनिया में कहीं से भी पढ़े हों'

    बांग्लादेशी डॉक्टरों की स्थिति खराब

    रिपोर्ट से पता चला कि बांग्लादेशी डॉक्टरों की स्थिति सबसे खराब रही। उन्हें जांच की स्थिति का सामना करने की 13 गुना अधिक आशंका रही। मिस्र और नाइजीरिया के डॉक्टरों के लिए आठ गुना ज्यादा खतरा पाया गया। जर्मन डॉक्टर भी परे नहीं रहे। उन पर जांच का खतरा छह गुना ज्यादा मंडराता पाया गया।

    25 हजार भारतीय चिकित्सक

    एनएचएस में बड़ी संख्या में भारतीय डॉक्टर कार्यरत हैं। जीएमसी में इस समय 25,281 भारत में प्रशिक्षित डॉक्टर पंजीकृत हैं।

    यह भी पढ़ें: इंस्टाग्राम पर चला किशोर की मौत का लाइव वीडियो