भारत ने UNSC से कहा, खतरनाक है तस्करों और आतंकियों की सांठगांठ
भारत ने तस्करों और आतंकियों के बीच सांठगांठ को खतरनाक करार देते हुए इस पर काब पाने का आग्रह किया है।

संयुक्त राष्ट्र (पीटीआई)। तस्करों और आतंकियों के बीच सांठगांठ को खतरनाक करार देते हुए भारत ने इस पर अविलंब काबू पाने का आह्वान किया है। भारत ने कहा कि गैरकानूनी लेनदेन दोनों के रिश्ते का आधार है। इससे निपटने के लिए आतंकवाद विरोधी वित्तीय उपाय और प्रतिबंध का इस्तेमाल अविलंब किया जाना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मंगलवार को 'संघर्ष की स्थिति में तस्करी' पर हुई चर्चा के दौरान तन्मय लाल ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। लाल संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि हैं। उन्होंने कहा, 'तस्करों और आतंकियों के बीच अवैध वित्तीय संपर्क है। यही सांठगांठ का आधार है।'
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उन्होंने कहा कि दुनिया में तस्करी जैसे अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने की न्यूनतम दर में बदलाव लाना जरूरी है। लाल ने साफ किया कि तस्करी जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध की मौजूदगी और आतंकी नेटवर्क के साथ उसका संपर्क एक चुनौती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के एकजुट प्रयासों के बावजूद दोनों का संबंध बना हुआ है। इसे खत्म करने के लिए हमारे प्रयासों को और धारदार बनाने की जरूरत है। प्रयासों में मजबूती लाने के लिए मौजूदा आतंक विरोधी वित्तीय उपायों और तंत्र का और प्रभावी रूप से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
लाल ने सशस्त्र संघर्ष से तस्करी को मिल रही मदद पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सशस्त्र संघर्ष तस्करी को उर्वर जमीन मुहैया कराता है। खास तौर से महिलाओं, बच्चों और शरणार्थियों का वे यौन दास के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इन्हें मजदूरी करने या लड़ाका बनने पर मजबूर किया जाता है।

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