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    भारत-रूस के संबंध को सुषमा ने बताया चट्टान जैसा मजबूत, पुतिन लेंगे फोरम में हिस्‍सा

    By Pratibha Kumari Edited By:
    Updated: Fri, 08 Sep 2017 01:42 PM (IST)

    इस साल ईस्‍टर्न इकोनॉमिक फोरम का मकसद रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए व्‍यापार के अनुकूल माहौल को पेश करना है।

    भारत-रूस के संबंध को सुषमा ने बताया चट्टान जैसा मजबूत, पुतिन लेंगे फोरम में हिस्‍सा

    व्लादिवोस्तोक, एएनआइ। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रूस में आयोजित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में हिस्‍सा लिया। वहीं रूसी राष्‍ट्रपति सर्गेई लावरोव से मुलाकात में उन्‍होंने भारत और रूस के संबंध को चट्टान जैसा मजबूत बताया और रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की बात भी कही।

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    सुषमा स्‍वराज ने यहां व्लादिवोस्तोक शहर में आयोजित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में रूस डेस्‍क का उद्घाटन भी किया। इस साल फोरम का मकसद रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए व्‍यापार के अनुकूल माहौल को पेश करना है। रूस डेस्‍क के लॉन्‍च पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने एक ट्वीट भी किया। उन्‍होंने इसे ऐतिहासिक बताया।

    आज रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन भी फोरम में हिस्‍सा लेंगे और 'द फार ईस्‍ट: क्रिएटिंग न्‍यू रियलिटी' सत्र के दौरान अपनी बात रखेंगे। इससे पहले सुषमा स्‍वराज ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ भी द्विपक्षीय मुलाकात की और आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की।

    वहीं फोरम के दौरान सुषमा ने कहा, भारत ने रूस के तेल क्षेत्र में 5.5 अरब डॉलर (करीब 35,289 करोड़ रुपये) का निवेश किया है। भारत में रूस का सबसे बड़ा 12.9 अरब डॉलर (82,769 करोड़ रुपये) का निवेश भी तेल क्षेत्र में ही है। अगस्त में रोसनेफ्ट और एस्सार के बीच हुआ करार भारत में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है। राजनीतिक तौर पर भी भारत और रूस के बेहतरीन संबंध रहे हैं। दोनों देश पिछले सात दशकों से एक-दूसरे के साझीदार हैं और इसका हर क्षेत्र में विस्तार हुआ है।

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