वैज्ञानिक शोध पर खर्च के मामले में भारत बहुत पीछे
वाशिंगटन। वैश्विक रूप से वैज्ञानिक शोध एवं विकास के क्षेत्र में खर्च को लेकर भारत बहुत पीछे है। इस क्षेत्र में अमेरिका सबसे आगे है। हालांकि इस क्षेत्र में खर्च में वृद्धि को लेकर चीन सबसे आगे है। अमेरिका की एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। 2011 में विश्व भर में शोध एवं विकास पर करीब 1435 अरब डॉलर (
वाशिंगटन। वैश्विक रूप से वैज्ञानिक शोध एवं विकास के क्षेत्र में खर्च को लेकर भारत बहुत पीछे है। इस क्षेत्र में अमेरिका सबसे आगे है। हालांकि इस क्षेत्र में खर्च में वृद्धि को लेकर चीन सबसे आगे है। अमेरिका की एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
2011 में विश्व भर में शोध एवं विकास पर करीब 1435 अरब डॉलर (89 लाख करोड़ रुपये) खर्च हुए। विश्व में इस क्षेत्र में हुए कुल खर्च के बारे में यह नवीनतम जानकारी है। इसके मुताबिक 2007 में भारत ने इस पर केवल 24 अरब डॉलर (करीब एक लाख करोड़ रुपये) की राशि खर्च की थी। 2001 में विश्व में इस क्षेत्र में करीब 753 अरब डॉलर (करीब 47 लाख करोड़ रुपये) की राशि खर्च हुई थी।
नेशनल साइंस बोर्ड द्वारा गुरुवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक एक दशक में वैज्ञानिक शोध एवं विकास के लिए हुए खर्च में करीब 6.7 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई। अमेरिका ने 2010 में शोध एवं विकास पर 407 अरब डॉलर (करीब 25 लाख करोड़ रुपये) की राशि खर्च की थी। जबकि 2011 में उसने इस पर 424 अरब डॉलर (करीब 26 लाख करोड़ रुपये) खर्च किए।
2011 में शोध एवं विकास पर हुए वैश्विक खर्च के मामले में अमेरिका चोटी पर रहा और इस खर्च में उसका हिस्सा 30 प्रतिशत से कुछ कम था। जबकि 2001 में इस क्षेत्र में हुए वैश्विक खर्च में अमेरिका का हिस्सा 37 प्रतिशत था। वहीं 2001-2011 की अवधि में चीन में शोध एवं विकास पर होने वाले खर्च में वृद्धि हुई है। चीन ने 2011 में इस क्षेत्र में 208 अरब डॉलर (करीब 13 लाख करोड़ रुपये) खर्च कर विश्व में दूसरा स्थान पाया।
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2001-2011 के दौरान चीन ने शोध एवं विकास पर खर्च में प्रति वर्ष औसतन 20.7 प्रतिशत की दर से वृद्धि की है।
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