अब शरीर की गंध से होगी आपकी पहचान
पहचान की पुष्टि के लिए चेहरे, उंगलियों और आंखों की पुतलियों की स्कैनिंग पुरानी तकनीक हो चुकी है। नई अत्याधुनिक बायोमैटिक तकनीक के तहत अब शरीर की गंध के आधार पर मनुष्य की पहचान की जा सकेगी। स्पेन की पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिड ने तकनीकी कंपनी ईया सिस्टम्स एसएल के सहयोग से नई तकनीक को विकसित
न्यूयॉर्क। पहचान की पुष्टि के लिए चेहरे, उंगलियों और आंखों की पुतलियों की स्कैनिंग पुरानी तकनीक हो चुकी है। नई अत्याधुनिक बायोमैटिक तकनीक के तहत अब शरीर की गंध के आधार पर मनुष्य की पहचान की जा सकेगी।
स्पेन की पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिड ने तकनीकी कंपनी ईया सिस्टम्स एसएल के सहयोग से नई तकनीक को विकसित किया है। इसके तहत शरीर की विशिष्ट गंध से लोगों की पहचान की जाती है जो 85 फीसद तक सटीक होती है।
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यूनिवर्सिटी के बयान के मुताबिक, 'मौजूदा समय में इस्तेमाल में लाई जाने वाली तकनीकों की तुलना में नई तकनीक काफी आसान है। इससे लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़ती। यह उनकी निजी जिंदगी में हस्तक्षेप करने जैसी भी नहीं है। आंखों, उंगलियों और चेहरे की स्कैनिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल अपराधियों के आंकड़े रखने के लिए ज्यादा होता है। इस कारण लोग इन प्रक्रियाओं में भाग लेने के इच्छुक नहीं होते हैं।'
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बयान के मुताबिक, चेहरे की पहचान की तकनीक में अबतक गलतियां ज्यादा सामने आई हैं, जबकि शरीर की गंध की पहचान करने वाली प्रक्रिया अपेक्षाकृत कम परेशानी वाली और ज्यादा सटीक है।
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