भीड़ में केवल दो चेहरों को पहचान सकता है इंसान
लंदन। क्या आप मानते हैं कि एक समय में लोग भीड़ में केवल दो चेहरों को ही पहचान सकते हैं। चाहे चेहरे प्रसिद्ध लोगों के ही क्यों न हो। एक नए शोध में यह दावा किया गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट लंदन के वोल्कर थोमा ने लोगों के चेहरा पहचान प्रक्रिया की क्षमता के अध्ययन के लिए परीक्षण किए। इसमें प्रतिभागियों से
लंदन। क्या आप मानते हैं कि एक समय में लोग भीड़ में केवल दो चेहरों को ही पहचान सकते हैं। चाहे चेहरे प्रसिद्ध लोगों के ही क्यों न हो। एक नए शोध में यह दावा किया गया है।
यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट लंदन के वोल्कर थोमा ने लोगों के चेहरा पहचान प्रक्रिया की क्षमता के अध्ययन के लिए परीक्षण किए। इसमें प्रतिभागियों से दूसरे अपरिचित चेहरों के बीच प्रसिद्ध राजनीतिज्ञों जैसे टोनी ब्लेयर, बिल क्लिंटन या पॉप स्टार जैसे मिक जैगर और रोबी विलियम्स को पहचानने को कहा गया। दोनों ही मामलों में स्क्रीन के बगल में एक विचलित चेहरे को रखा गया लेकिन प्रतिभागियों से इसे नजरअंदाज करने को कहा गया। पहले परीक्षण में प्रसिद्ध चेहरों को कंप्यूटर स्क्रीन के ऊध्र्वाधर केंद्र पर दिखाया गया। प्रतिभागियों ने तत्काल जवाब दिया कि कौन प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ या गायक है। जबकि उनसे अनजान चेहरों को नजरअंदाज करने को कहा गया लेकिन बावजूद इसके प्रसिद्ध चेहरों को पहचानने में प्रतिभागियों की क्षमता प्रभावित हुई।
हालांकि जब कंप्यूटर के केंद्र में अधिक चेहरे दिखाए गए तो मिक जैगर को खोजना मुश्किल हो गया। थोमा के अनुसार, इससे संकेत मिलता है कि इंसान एक समय में केवल कुछ चेहरों को ही पहचान सकता है। चाहे वे प्रसिद्ध हों या नहीं। इस अध्ययन का प्रकाशन साइकोनोमिक बुलेटिन एंड रिव्यू जर्नल में किया गया है।
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