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    डब्ल्यूएचओ ने 'इबोला' को अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया

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    Updated: Fri, 08 Aug 2014 05:27 PM (IST)

    अफ्रीकी देशों में इबोला वायरस के कहर को देखते हुए विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया है। इबोला की चपेट में आकर चार पश्चिम अफ्रीकी देशों में अब तक 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा करीब एक हजार मरीजों का विभिन्न देशों में इलाज चल रहा है।

    जेनेवा। अफ्रीकी देशों में इबोला वायरस के कहर को देखते हुए विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया है। इबोला की चपेट में आकर चार पश्चिम अफ्रीकी देशों में अब तक 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा करीब एक हजार मरीजों का विभिन्न देशों में इलाज चल रहा है। इसके मद्देनजर भारत के पांच एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। माना जा रहा है कि भारत आने वाले विदेशियों से यह वायरस भारत में प्रवेश कर सकता है, लिहाजा इस वायरस से ग्रसित नागरिकों को एयरपोर्ट पर ही रोकने और अधिकारियों को सभी सुरक्षित उपाय बरतने की सलाह दी गई है।

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    उधर, केंद्रीय स्वास्थ मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि इबोला से निपटने के लिए भारत पूरी तरह से तैयार है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब तक देश में इसका कोई मामला सामने नहीं आया है। वहीं सऊदी अरब ने हज के लिए गिनी, सिएरा लियोन और लाइबेरिया के नागरिकों को वीजा देने से इन्कार कर दिया है।

    यहां पर ध्यान देने वाली एक बात यह भी है कि इबोला वायरस के इलाज की अभी तक कोई दवा दुनिया के बाजार में उपलब्ध नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि इबोला वायरस को लेकर बनाए गई दवा पर वह अभी कुछ नहीं कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि अमेरिका के वैज्ञानिकों ने इसके इलाज का हल तलाश कर लिया है।

    गौरतलब है कि इबोला वायरस एक संक्रमित रोग है जो किसी पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से हो सकता है। डाक्टरों की मानें तो एक बार इसके संपर्क में आने के बाद रोगी के सिर पर मौत का खतरा मंडराने लगता है। इससे ग्रसित व्यक्ति को तेज बुखार और शरीर से लगातार खून का रिसाव जैसी समस्या हो सकती है।

    दुनिया के इतिहास में इबोला वायरस का यह अब तक का सबसे बड़ा प्रकोप बताया जा रहा है। अमेरिका से लेकर चीन तक इसका डर फैला है। यह वायरस अभी तक अब तक हजारों लोगों की मौत का कारण बन चुका है। इबोला वायरस के चलते पश्चिमी देशों के माइनिंग सेक्टर पर विपरीत प्रभाव भी पड़ रहा है।

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