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    शांति का संकेत देते हुए जनरल बाजवा ने संभाली पाकिस्तानी सेना की कमान

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Wed, 30 Nov 2016 05:30 AM (IST)

    बाजवा ने भारत-पाक के बीच तनाव चरम पर होने और सीमा पर भारी गोलाबारी के बीच नई जिम्मेदारी संभाली है।

    रावलपिंडी, प्रेट्र। भारत के साथ शांति का संकेत देते हुए जनरल कमर जावेद बाजवा ने मंगलवार को पाकिस्तानी सेना की कमान संभाल ली। उन्होंने जनरल राहिल शरीफ की जगह ली है। नियंत्रण रेखा पर जल्द से जल्द तनाव कम करने के वादे के साथ बाजवा ने नई जिम्मेदारी संभाली। हालांकि जनरल शरीफ जाते-जाते भी कश्मीर राग अलापना नहीं भूले।

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    रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय के पास आर्मी हॉकी स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शरीफ ने 57 वर्षीय बाजवा को दुनिया की छठी सबसे बड़ी सेना की कमान सौंपी। गुलाम कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ माने जाने वाले बाजवा को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शनिवार को चार सितारा जनरल के तौर पर पदोन्नति देते हुए सैन्य प्रमुख बनाया था। 60 वर्षीय जनरल शरीफ को अंतिम समय में सेवा विस्तार मिलने की अटकलों को खारिज करते हुए उनकी नियुक्ति की घोषणा की गई थी। जनरल शरीफ ने जनवरी में ही साफ कर दिया था कि वे सेवा विस्तार नहीं चाहते। इसके बावजूद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए उन्हें जरूरी बताते हुए सेवा विस्तार की वकालत की जा रही थी।

    भारत की सीमा पर ही निगाह जमाएंगे जनरल कमर जावेद बाजवा

    बाजवा ने भारत-पाक के बीच तनाव चरम पर होने और सीमा पर भारी गोलाबारी के बीच नई जिम्मेदारी संभाली है। जिओ न्यूज के अनुसार पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा पर हालात जल्द ठीक होंगे। सैनिकों का हौसला बनाए रखने के लिए उन्होंने मीडिया से भी सहयोग की अपील की। विशेषज्ञ उनके बयान को भारत के साथ संबंध बेहतर बनाने के संकेत के तौर पर देख रहे हैं। लेकिन, जनरल राहिल शरीफ अपने विदाई भाषण में भी ऐसी सद्भावना नहीं दिखा पाए।

    उन्होंने भारत पर कश्मीर में आक्रामक रुख अपनाने और आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे पूरे इलाके को खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत यदि पाकिस्तान की धैर्य की नीति को कमजोरी समझने की भूल कर रहा है तो यह उसके लिए खतरनाक होगा। कश्मीर मसले के समाधान को जरूरी बताते हुए कहा कि इसके बिना दक्षिण एशिया में शांति और समृद्धि नहीं आ सकती। इसे देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मसले पर खास तवज्जो देने की जरूरत है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में सेना प्रमुख को सबसे शक्तिशाली माना जाता है। 70 साल के इतिहास में आधे से ज्यादा समय देश पर सेना का शासन रहा है।

    भारत, पाक खुद सुलझा लेंगे जल विवाद : मून

    संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान जल बंटवारे से जुड़े मुद्दे को द्विपक्षीय तरीके से हल कर लेंगे। उनकी टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के संदर्भ में आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सतलुज, ब्यास और रावी नदी के पानी पर भारत का हक है और इनके पानी को पाकिस्तान में बर्बाद होने से रोका जाएगा।

    बान के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'हम लोग पानी के मुद्दे को देखेंगे। निश्चित तौर पर हमें उम्मीद है कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे दोनों पक्ष आपस में सुलझा सकते हैं।' पिछले सप्ताह मून ने सिंधु जल संधि को भारत-पाक के बीच शांति को बढ़ावा देने वाला साधन बताया था।

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