लोकतंत्र समर्थक छवि ने बाजवा को बनाया पाक सेना प्रमुख
बाजवा की अविवादित छवि के चलते ही प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने चार अन्य जनरलों को किनारे करते हुए उन्हें सेना प्रमुख नियुक्त किया।
इस्लामाबाद, प्रेट्र । जनरल कमर बाजवा की लोकतंत्र समर्थक छवि ने पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख के रूप में उनकी नियुक्ति में अहम भूमिका निभाई है। बाजवा की नियुक्ति के बाद पाकिस्तानी अखबार द न्यूज ने यह बात कही है।
अखबार ने कहा कि बाजवा की अविवादित छवि के चलते ही प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने चार अन्य जनरलों को किनारे करते हुए उन्हें सेना प्रमुख नियुक्त किया। पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि प्रधानमंत्री शरीफ सेना प्रमुख के रूप में ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करना चाहते थे, जो सैन्य विशेषज्ञ होने के साथ ही लोकतंत्र को ताकत देने वाला भी हो।
द न्यूज ने लिखा, 'सेना प्रमुख के पद के दौड़ में शामिल अन्य चारों जनरल बाजवा के साथ ही सैन्य अकादमी से निकले हैं, लेकिन बाजवा का अनुभव ज्यादा विविधता भरा है।' समाचार पत्र डॉन ने लिखा, 'असैन्य सरकार के प्रति जनरल बाजवा अपेक्षाकृत ज्यादा नरम हैं।
प्रधानमंत्री के फैसले में इसका बड़ा योगदान रहा।' जनरल बाजवा के एक पूर्व कमांडिंग ऑफिसर का कहना है कि बाजवा इस बात के पक्षधर हैं कि सेना को असैन्य मामलों से दूर रहना चाहिए। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के 70 साल के इतिहास में आधे से ज्यादा समय सेना का शासन रहा है।
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