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    इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र के स्कूल पर बरसाए बम

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    Updated: Fri, 25 Jul 2014 03:52 AM (IST)

    इजरायल ने संयुक्त संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद [यूएनएचआरसी] को कंगारू कोर्ट बताते हुए गाजा में हमास के खिलाफ चल रही कार्रवाई की जांच करने के परिषद के प्रस्ताव की निंदा की है।

    यरुशलम। इजरायल ने संयुक्त संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद [यूएनएचआरसी] को कंगारू कोर्ट बताते हुए गाजा में हमास के खिलाफ चल रही कार्रवाई की जांच करने के परिषद के प्रस्ताव की निंदा की है। तेल अवीव ने प्रस्ताव को हास्यास्पद बताते हुए न केवल झुकने से इन्कार कर दिया, बल्कि इजरायली टैंकों ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से संचालित स्कूल पर गोले भी बरसाए जिसमें 15 लोगों की जान चली गई और दर्जनों लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे बताए गए हैं।

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    इजरायल ने यूएनएचआरसी में पारित प्रस्ताव को धता बताते हुए गाजा पंट्टी में गुरुवार को भी बमबारी जारी रखी। गाजा पंट्टी के उत्तरी इलाके में स्थित बेत हनौन में स्थित स्कूल में इजरायली टैंकों ने बमबारी की। हमले में 15 लोगों की मौत हो गई और करीब दो सौ लोग घायल हुए हैं। स्कूल का इस्तेमाल शरणार्थी शिविर के रूप में भी हो रहा था। मीडिया रिपोर्टो में कहा गया है कि धमाकों के बाद स्कूल में खून पसरा देखा गया। गाजा में लड़ाई के 17वें दिन करीब 70 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा। संघर्ष में मरने वाले फलस्तीनियों की संख्या 770 पहुंच गई है। इजरायल के भी 34 नागरिक मारे गए हैं। इजरायली सेना अब तक 475 घरों को नेस्तनाबूद कर चुकी है। इसके अलावा 2,644 घर, 46 स्कूल, 56 मस्जिद और सात अस्पतालों को नुकसान पहुंचा है।

    इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है, 'कंगारू कोर्ट द्वारा जांच पूर्व निर्धारित निष्कर्ष है।' इस प्रस्ताव पर भारत के साथ ही ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने भी वोट दिया था। प्रस्ताव और संयम बरतने की अपील को धता बताते हुए इजरायल गाजा पर बम बरसाता रहा। मतदान से पहले यूएन मानवाधिकार आयुक्त नवी पिल्लई ने चेतावनी दी थी कि गाजा में इजरायल युद्ध अपराधों को अंजाम दे रहा है। इजरायल के विदेश मंत्री एविग्दोर लिबरमैन ने यूएनएचआरसी की संस्था को काउंसिल फॉर द राइट्स ऑफ टेरेरिस्ट करार दे दिया। साथ ही कहा कि उन्हें आने वाले दिनों में शीघ्र संघर्ष विराम की उम्मीद नहीं है।

    गाजा में संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित स्कूल पर हुए हमले की महासचिव बान की मून ने कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि गुरुवार को हुआ हमले में महिलाओं, बच्चों और यूएन स्टाफ का मारा जाना बेहद गलत है। उन्होंने मृतकों के परिवार के साथ सहानुभूति भी दर्शाई और कहा कि दोनों पक्षों को मानवीय मदद दे रहे कर्मचारियों पर हमले न करने की प्रतिबद्धता का सम्मान करना चाहिए। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी की प्रवक्ता जेन सेकी ने स्कूल हमले के बाद तत्काल युद्धविराम की आवश्यकता बताई।

    अमेरिका ने उड़ान से प्रतिबंध हटाया

    अमेरिका की विमानन एजेंसी ने तेल अवीव के बेन गुरिऑन हवाईअड्डे जाने वाली उड़ानों पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है। वहीं बहुत सी यूरोपीय एयरलाइंस ने सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए इजरायल जाने वाली उड़ानों का रद करने की अवधि बढ़ाने का फैसला किया है। जर्मन एयरलाइंस लुफ्थांसा और एयर बर्लिन ने गुरुवार के लिए बेन गुरिऑन जाने और वहां से आनी वाली उड़ानों को रद करने की घोषणा की है।

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