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EAS में बोले पीएम मोदी, एशिया की सदी बनाने के लिए आगे आएंं सभी देश

ईस्‍ट एशिया समिट के दौरान आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग से मुलाकात की। इस दौरान उन्‍होंने आने वाली सदी को एशिया की सदी बनाने पर जोर दिया।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 08 Sep 2016 08:19 AM (IST)Updated: Thu, 08 Sep 2016 01:42 PM (IST)
EAS में बोले पीएम मोदी, एशिया की सदी बनाने के लिए आगे आएंं सभी देश

लाओस (एएनएआई)। दक्षिण चीन सागर समेत अन्य विवादों को दरकिनार कर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग से मुलाकात की। उनकी यह मुलाकात लाओस के वियंतियाने में जारी ईस्ट एशिया समिट में हुई। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन मेें कहा कि सभी देशों को इस तरह सेे काम करने की जरूरत है कि आने वाली सदी एशिया की हो। इस दौरान पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच मुलाकात भी हुई।

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आसियान में UNSC स्थाई सीट के लिए भारत का समर्थन

इससे पूर्व आसियान सम्मेलन में सभी सदस्य देशों ने भारत का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सीट के लिए समर्थन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए सभी देशों को धन्यवाद भी कहा। आसियान सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आसियान भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के केंद्र में बसा हुआ है। उन्होंने बिना पाकिस्तान का नाम लिए कहा कि आतंकवाद, कट्टरता और चरमपंथ का प्रचार-प्रसार करने वाले देश मानवता के लिए खतरा हैं। पीएम मोदी ने सम्मेलन के दौरान दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्यून हे और म्यांमार की प्रमुख आंग सान सू की से भी मुलाकात की।

साइबर सुरक्षा जरूरी

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने एक बार फिर साइबर सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने के साथ आतंकवाद आैर चरमपंथ के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की अपनी प्रतिबद्धत्ता दोहराई। उन्होंने अक्टूबर में होने वालेे अंतरराष्ट्रीय बोद्ध कंक्लेव के लिए आसियान के सदस्य देशों को विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित भी किया।

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पूरे क्षेत्र में शांति कायम रखना चाहता है भारत

उन्होंने कहा कि भारत की कोशिश इस पूरे क्षेत्र में शांति कायम रखने की हैै। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत ने स्ट्रेटेजिक पाार्टनरशिप के दौरान अन्य देशों से रक्षा और सामाजिक-संस्कृति के क्षेत्र में कई समझौते भी किए हैं। वर्ष 2016-20 के लिए जारी प्लान ऑफ एक्शन के लिए भारत अब तक 54 गतिविधियां पहले ही शुरू कर चुका है। पीएम मोदी ने इस मौके पर आसियान यूथ समिट कराने का भी सुझाव सदस्य देशों को दिया। इसके साथ ही उन्होंने आसियान में भारत की तरफ से दिए जाने वाले फंड को बढ़ाकर 50 मिलियन अमेरिकी डालर करने की भी घोषणा की।

आपदाओं से निपटने के लिए सभी का साथ जरूरी

पीएम मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटना आज भी सभी देशों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। यह सभी की जिम्मेदारी है कि इस तरह की आपदाओं से मिलकर लड़ा जाए। उन्होंने अपने संबोधन में विभिन्न देशों से व्यापार के लिए समुद्री मार्ग को बेहद अहम बताया। उन्होंने विदेशी व्यापार के लिए समु्द्री मार्ग को लाइफ लाइन करार दिया। उन्होंने भारत और दक्षिण एशिया के बीच डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के साथ-साथ इसके लिए मास्टर प्लान लागू करने पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने भारत-म्यांमार-थाईलैंड हाईवे के लिए ज्वाइंट टास्क फोर्स का गठन करने का भी सुझाव दिया है। यह हाईवे कंबोडिया, लाओस से होकर गुजरेगा।

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अासियान में हिस्सा ले रहे 18 देश

इन शिखर सम्मेलनों में आसियान के दस राष्ट्राध्यक्ष या शासन प्रमुख और पूर्वी एशियाई सम्मेलन में 18 देश हिस्सा ले रहे हैं। पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन में आसियान के दस सदस्य देशों के अलावा भारत, चीन, जापान, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया एवं न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस भी शिरकत करे रहे हैं।

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आसियान 2012 से भारत का रणनीतिक साझेदार

आसियान 2012 से भारत का रणनीतिक साझेदार है, जबकि भारत पूर्व एशियाई शिखर सम्मेलन का संस्थापक सदस्य देश भी है। पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन में विभिन्न देशों के नेता कई क्षेत्रीय, अंतरराष्ट्रीय हितों से जुडे विषयों पर बातचीत करेंगे जिसमें नौवहन सुरक्षा, आतंकवाद, परमाणु अप्रसार और पलायन जैसे विषय शामिल हैं।


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