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    नहीं रहे आखिरी बार चंद्रमा की सतह पर वॉक करने वाले यूगीन

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Tue, 17 Jan 2017 11:26 AM (IST)

    7 दिसंबर 1972 को चांद पर भेजे गए आखिरी मानव मिशन अपोलो 17 के कमांडर यूगीन सरनन का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वह चांंद पर कदम रखने वाले अंतिम व्‍यक्ति थे।

    नहीं रहे आखिरी बार चंद्रमा की सतह पर वॉक करने वाले यूगीन

    वाशिंगटन (एएफपी)। चांद पर आखिरी बार कदम रखने वाले अंतरिक्ष यात्री यूगीन सरनन का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वह अपोलो 17 के सदस्य होने के साथ-साथ इस मिशन कमांडर भी थे। चंद्रमा पर अमेरिका द्वारा भेजे गए तीसरे और आखिरी मिशन के इस सदस्य के निधन पर नासा ने शोक व्यक्त किया हैै। अमेरिका की स्पेस एजेंसी ने अपने ट्वीट में कहा है कि चंद्रमा पर आखिरी बार चहलकदमी करने वाले अंतरिक्ष यात्री सरनन की मौत से नासा काफी दुखी है। सरनन एक रिटायर्ड नौसेना अधिकारी थे। परिजनों के मुताबिक वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे।

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    परिवार ने दी निधन की जानकारी

    सरनन के बेटे ने उनके निधन की दुखद सूचना देेते हुए बताया है कि उनके परिवार ने एक अच्छा पिता और उनकी मां ने एक अच्छा पति आज खो दिया है। उनकेे निधन से पूरा परिवार शोक में है। उन्होंने कहा कि सरनन इस उम्र में भी चांद पर इंसान के रहने के लिए संभावनाएं तलाशने में अपनी भूमिका निभाने के बारे में सोचा करते थे। उनके निधन की खबर सुनने के बाद कई अंतरिक्ष यात्रियों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

    यह भी पढ़ें: पहली बार पृथ्वी की कक्षा में जाने वाले अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री जॉन ग्लेन का निधन

    मिशन के दौरान ली थी धरती की बेहतरीन तस्वीरें

    सरनन के मिशन के दौरान चांद से पृथ्वी की बेहतरीन तस्वीरें खींची गई थीं। जिसे ब्लू मार्बल भी कहा गया। मल्टी कलर वाली इन इमेजेस में धरती के रंग बिरंगे रूप का अदभुत नजारा कैमरे की आंखों से देखा गया था। सरनन का जन्म 1934 में शिकागो में हुआ था। उन्होंने 1956 में इंडियाना परड्यू यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। केलीफोर्निया यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री करने के बाद वह वर्ष 1963 में नासा से जुड़ गए। उन्होंने जेमिनी और अपोलो मिशन में अपनी अग्रणी भूमिका निभाई थी।

    1972 में भेजा गया था अपोलो 17

    वह 7 दिसंबर 1972 को अपने मिशन के तहत रवाना हुए थे। इस दौरान उन्होंने स्पेस में करीब 566 घंटे और 15 मिनट (12 दिन, 13 घंटे, 51 मिनट, 59 सेकंड) बिताए। इसमेें से करीब 73 घंटे उन्होंने चांद पर बिताए थे। वर्ष 1976 में नासा से रिटायर होने के बाद वह स्पेेस शटल फ्लाइट्स के दौरान की जाने वाली कॉमेंट्री करने लगे थे। वर्ष 2013 में उनके ऊपर एक डॉक्यूमेंट्री को भी प्रदर्शित किया गया था। गौरतलब है कि पिछले वर्ष ही धरती की कक्षा का पहली बार चक्कर लगाने वाले अंतरिक्ष यात्री जॉन ग्लेन का भी निधन हो गया था। वह 1959 में भेजे गए स्पेस मिशन के आखिरी सदस्य थे।

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