मिस्र पहुंचने के बाद युवती ने कहा, 'भारतीय सेना की वजह से जिंदा हूं'
मिस्र की एक महिला और मीडिया ने संकटग्रस्त यमन से लोगों को सुरक्षित निकालने के भारत के अभियान की जमकर तारीफ की है। मिस्र की आलिया गेबर मोहम्मद ने कहा है कि भारतीय सेना की कोशिशों से ही आज वह जीवित हैं। आलिया उन 960 विदेशी नागरिकों में शामिल हैं

काइरो। मिस्र की एक महिला और मीडिया ने संकटग्रस्त यमन से लोगों को सुरक्षित निकालने के भारत के अभियान की जमकर तारीफ की है। मिस्र की आलिया गेबर मोहम्मद ने कहा है कि भारतीय सेना की कोशिशों से ही आज वह जीवित हैं। आलिया उन 960 विदेशी नागरिकों में शामिल हैं जिन्हें भारतीय सेना ने यमन से सुरक्षित बाहर निकाला। 20 साल की आलिया ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, 'खुदा के करम से मैं जिसकी वजह से जिंदा हूं वह भारतीय सेना है।' सोशल मीडिया में बृहस्पतिवार को उनका यह पोस्ट वायरल हो गया।
मीडिया भी मुरीद
मिस्र की मीडिया ने भी अन्य देशों के नागरिकों को निकालने के फैसले की सराहना की है। कई मीडिया में प्रकाशित पोस्ट में कहा गया है, 'भारत ने यमन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए युद्धपोत भेजा था। उसने अन्य देशों के नागरिकों को भी निकालने का एक मानवीय निर्णय लेने का फैसला किया जो इतिहास में अंकित होगा।'
पांच सितारा सेवाएं
यमन में एक होटल में काम करने वाली आलिया ने अपने कठिन सफर को याद करते हुए कहा है कि भारतीय सेना ने निकाले गए लोगों को जहाज पर भेजा और उन्हें सुरक्षित जिबूती ले गए। उन्होंने कहा, 'जिस कमरे में सैनिक सोते थे मुझे उस कमरे में सोने दिया गया। उन्होंने हमें पांच सितारा सेवाएं दी। उन लोगों ने हमें भोजन, जूस, दूध, दवाएं दी और डॉक्टरों ने भी देखभाल की।' उन्होंने कहा कि परेशानियों से भरे दिन देखने के बावजूद वह इस यात्रा से खुश हैं। वह जानती हैं कि दुनिया में अभी भी अच्छे लोग हैं जो बिना किसी प्रलोभन के दूसरों की मदद और त्याग के लिए तैयार रहते हैं।

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