नेपाल में फिर से भूकंप के झटके, फैली दहशत
नेपाल में शनिवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके नारायणघाट एवं आस पास के क्षेत्रों में महसूस किए गए। इसकी तीव्रता 4.5 बताई गई है। दोपहर में एक बार फिर यहां पर भूकंप का झटका महसूस किया गया जिसकी तीव्रता 3.5 मापी गई। इसके बाद से
काठमांडू। नेपाल में शनिवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके नारायणघाट एवं आस पास के क्षेत्रों में महसूस किए गए। इसकी तीव्रता 4.5 बताई गई है। दोपहर में एक बार फिर यहां पर भूकंप का झटका महसूस किया गया जिसकी तीव्रता 3.5 मापी गई। इसके बाद से लोगों में और दहशत हो गई है। प्रशासन भी सतर्क हो गया है।
इस बीच सुदूर इलाकों में बचाव और राहत टीम पहुंचने के साथ नेपाल में आए भूकंप की तबाही की सही तस्वीर सामने आने लगी है। दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्र लगभग पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं। प्राचीन शहर भक्तपुर के बड़े हिस्से में इमारतें जमींदोज हो गई हैं।
बेहतरीन वास्तुशिल्प और काठ से बनी कलाकृतियों वाले नेवारी की इमारतें नष्ट हो गई हैं। नेपाल में ढाई लाख इमारतों को पूरी तरह या आंशिक तौर पर नुकसान पहुंचा है। भूकंप से हुए नुकसान से उबरने में नेपाल को वर्षों लगेंगे। रात में भी खुली सीमा, राहत सामग्री पर कस्टम नहीं इसके पुनर्निर्माण में करीब 12, 736 करोड़ रुपये यानी दो अरब अमेरिकी डॉलर खर्च होने का शुरुआती अनुमान लगाया गया है।
भूकंप से मरने वालों की संख्या 6300 तक पहुंच गई है। लेकिन अभी भी हजारों लोग लापता बताए जा रहे हैं। रेड क्रास के एशिया पैसेफिक के निदेशक जगन चपागेन के अनुसार, सिंधुपालचौक जिले के चौतारा में 90 प्रतिशत घर ध्वस्त हो गए हैं। अस्पताल भी ढह गया है।
नेपाल के इस जिले में 40 हजार मकान मलबे में तब्दील हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, भूकंप से 80 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। भूकंप के झटके जारी नेपाल में शुक्रवार सुबह रिक्टर स्केल पर चार की तीव्रता वाले भूकंप का झटका लगा। इसका केंद्र काठमांडू के पास था। इसके कुछ घंटे बाद ही काठमांडू से 300 किलोमीटर दूरी पर दोलाखा जिले में 4.2 तीव्रता का झटका लगा।
पिछले शनिवार को तबाह हो गया था नेपाल
नरायणघाट में शनिवार को प्रात: करीब 11 बजे भूकंप का झटका महसूस किया गया। पिछले शनिवार को भी इसी समय भूकंप आया था, जिससे नेपाल तबाह हो गया। ठीक उसी दिन और उसी समय पर नारायण घाट में भूकंप का झटका आने से लोगों में भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई।
नेपाल का आंखों देखा हाल-
काठमांडू की सड़कों पर अब भी सन्नाटा भूकंप के झटकों की वजह से लोग ठंड और बारिश में खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हैं। उन्हें बीमारियों और मलबों में दबी लाशों की दुर्गंध का भी सामना करना पड़ रहा है। भोजन, पीने का पानी की कमी और धीमे राहत कार्य को लेकर कई जगह पुलिस और भूकंप पीड़ितों के बीच झड़पों के भी समाचार हैं।
डोभाल, जयशंकर ने किया दौरा
भारत सरकार के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल व विदेश सचिव एस जयशंकर ने शुक्रवार को नेपाल के राष्ट्रपति रामबरन यादव और प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने नेपाल को त्रासदी से निपटने में भारत की हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने भूकंप सेे प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे भी किया। साथ ही, राहत कार्यों की समीक्षा भी की।