चीन पर ट्रंप की पलटी, व्यापार समझौता करने की इच्छा जताई
चुनाव प्रचार में चीन को 'मुद्रा में गड़बड़ी करने वाला' करार दे चुके ट्रंप अब उसके साथ अच्छा व्यापार समझौता करने के इच्छुक हैं।
वाशिंगटन, प्रेट्र। कारोबार को लेकर अपनी चीन विरोधी नीति पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पलटी मारी है। चुनाव प्रचार में चीन को 'मुद्रा में गड़बड़ी करने वाला' करार दे चुके ट्रंप अब उसके साथ अच्छा व्यापार समझौता करने के इच्छुक हैं। लेकिन उनकी शर्त है कि चीन उत्तर कोरिया की परमाणु हमले की धमकी से निपटने में अमेरिका का साथ दे।
ट्रंप ने कहा, उन्हें पूरा विश्वास है कि उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार को लेकर पैदा दुस्साहस से लड़ने में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग अमेरिका का साथ देंगे। राष्ट्रपति चिनफिंग सही काम करना चाहते हैं। हमारे बीच बहुत अच्छा संबंध बना है। हम दोनों के बीच रिश्तों को लेकर अच्छी केमिस्ट्री पैदा हुई है। इसके चलते उनसे बहुत प्रभावित हुआ। हमने व्यापार पर बात की। अन्य बहुत सारे बिंदुओं पर चर्चा की। ट्रंप ने ये बातें नाटो के महासचिव जेंस स्टॉलटेनबर्ग के साथ व्हाइट हाउस में संयुक्त पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं। ट्रंप ने हाल ही में चिनफिंग के साथ फ्लोरिडा के मार-आ-लागो रिजॉर्ट पर दो दिन बिताए हैं। उनके बीच मंगलवार को टेलीफोन पर बात भी हुई है।
चिनफिंग से टेलीफोन पर हुई वार्ता का हवाला देते हुए ट्रंप ने कहा, हमने चीन से साफ कर दिया है कि वह उत्तर कोरिया के मसले पर हमारा साथ दे और बढि़या व्यापार समझौता करे। अन्यथा हम अकेले ही आगे बढ़ेंगे और उत्तर कोरिया के दुस्साहस से निपटेंगे। उन्होंने चीन को चेताया कि अकेले का मतलब केवल अमेरिका नहीं होगा बल्कि हमारे साथ बहुत से अन्य देश भी होंगे। ट्रंप ने कहा कि वह सोचते हैं कि चिनफिंग अमेरिका की मदद करना पसंद करेंगे। हम देखेंगे कि वह ऐसा करते हैं या नहीं। वॉल स्ट्रीट जर्नल के साथ एक साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा, अमेरिका सभी देशों के साथ व्यापार घाटा झेल रहा है। उनमें से चीन सबसे बड़ा है।
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