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    सत्ता संभालने से पहले ही डोनाल्ड ट्रंप और सीआइए में तनातनी

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Thu, 12 Jan 2017 06:10 PM (IST)

    ट्रंप ने पहली बार माना कि 2016 के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं के इंटरनेट अकाउंट हैक हुए थे। इस हैकिंग के पीछे रूस हो सकता है।

    न्यूयॉर्क, रायटर। अमेरिका में राष्ट्रपति पद पर डोनाल्ड ट्रंप के आसीन होने में महज आठ दिन बचे हैं लेकिन अमेरिकी खुफिया एजेंसियों से उनकी तनातनी जारी है। अपुष्ट बातों को मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक किए जाने पर ट्रंप ने सवाल पूछा- क्या हम नाजी जर्मनी में रह रहे हैं? यह बात उन्होंने रूसी खुफिया एजेंसियों के पास अपने आपत्तिजनक वीडियो होने की मीडिया में आई खबरों पर कही।

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    ट्रंप ने कहा कि खुफिया एजेंसियों द्वारा मीडिया को जानकारी उपलब्ध कराना कि रूस में वह महिलाओं के साथ आपत्तिजनक स्थिति में थे और उस दौरान का वीडियो रूसी खुफिया एजेंसी के पास है, अपमानजनक है। झूठी और आधारहीन बातों को मीडिया के माध्यम से प्रचारित कराना खुफिया एजेंसियों की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाने वाला कृत्य है। यह कुछ वैसा ही है जैसा कि नाजी जर्मनी में होता था, जब झूठी बातों को मीडिया के जरिये प्रचारित कराया जाता था। ट्रंप ने यह बात अपने आवास में आयोजित न्यूज कांफ्रेंस में कही। इस दौरान उन्होंने कुछ मीडिया कंपनियों पर झूठी खबरें प्रचारित करने का आरोप भी लगाया।

    ट्रंप ने पहली बार माना कि 2016 के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं के इंटरनेट अकाउंट हैक हुए थे। इस हैकिंग के पीछे रूस हो सकता है। अमेरिका में यह काम कई देश कराते रहे हैं। ट्रंप के निशाने पर अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए है, जो देश के बाहर की खुफिया सूचनाओं के लिए जिम्मेदार है। वैसे देश के खुफिया निदेशक जेम्स क्लैपर ने ट्रंप को समझाने की कोशिश की है कि मीडिया में आई खबरों के पीछे खुफिया एजेंसियां नहीं हैं।

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