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    पनामागेटः दोषी ठहराए जाने के बाद पाक पीएम नवाज शरीफ ने दिया इस्तीफा

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Fri, 28 Jul 2017 03:47 PM (IST)

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। पनामा पेपर लीक मामले में अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया है। ...और पढ़ें

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    पनामागेटः दोषी ठहराए जाने के बाद पाक पीएम नवाज शरीफ ने दिया इस्तीफा

    इस्लामाबाद (पीटीआई)। पनामा पेपर लीक मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सुप्रीम कोर्ट से दोषी करार दे दिया गया है। कोर्ट के फैसले के बाद नवाज शरीफ ने पद से इस्तीफा दे दिया। पांच जजों की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि नवाज शरीफ के खिलाफ इस मामले में मुकदमा चलाया जाना चाहिए और उनको प्रधानमंत्री पद के अयोग्य ठहरा दिया है।

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    दरअसल इस मामले में नवाज शरीफ समेत उनके परिजनों पर काला धन छुपाने, भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग के आरोप थे। इन मामलों में उनको और परिजनों को दोषी पाया गया है। इससे पहले 21 जुलाई को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया। जस्टिस एजाज अफजल की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

    फैसला सुनाते हुए जस्टिस एजाज अफजल खान ने कहा कि नवाज शरीफ अब पाकिस्तानी संसद के ईमानदार और समर्पित सदस्य होने के योग्य नहीं हैं। उन्हें प्रधानमंत्री का पद छोड़ना होगा। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने तत्काल नवाज की योग्यता को खारिज करने का आदेश दिया है। आयोग कोर्ट ने मरियम, हसन, हुसैन और इसाक डार के खिलाफ दायर मामलों की जांच का काम एनएबी को सौंपा है।

    एनएबी पाकिस्तान की सबसे बड़ी भ्रष्टाचार निरोधी संस्था है। यह एक स्वायत्त और संवैधानिक बॉडी है, जिसका काम भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की सुनवाई करना है। जस्टिस एजाज ने कहा कि जेअाईटी द्वारा इस केस से जुड़ी जो भी चीजें जमा की गई हैं उन्हें 6 हफ्तों के भीतर एनएबी के पास भेजा जाए। नवाज के खिलाफ दायर मामलों में आगे की जांच भी एनएबी को सौंपी गई है। कोर्ट ने एनएबी को सुनवाई शुरू होने के 30 दिनों के भीतर फैसला सुनाने का निर्देश दिया है।

    नवाज शरीफ से सीधे जुड़े मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संयुक्त जांच दल (जेआइटी) गठित किया गया था। जेआइटी ने 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय को सौंपी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले पीठ में शामिल रहे दो जजों के 11 अगस्त तक के लिए इस्लामाबाद से बाहर होने की बात कही गई थी।

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