Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम डेढ़ साल के ऊंचे स्तर पर

    By Mohit TanwarEdited By:
    Updated: Tue, 13 Dec 2016 07:11 AM (IST)

    तेल में उबाल उत्पादन में कटौती के मद्देनजर क्रूड के दाम 57 डॉलर के पार

    वियना, रायटर। उत्पादन में कटौती के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (क्रूड) के दाम डेढ़ साल के ऊंचे स्तर पर पहुंच गए। सोमवार को बें्क ब्रेंट क्रूड 57.89 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया। यह जुलाई, 2015 के बाद से कू्रड का उच्चतम स्तर है। विश्लेषक जल्द ही इसके दाम 60 डॉलर प्रति बैरल पर जाने की भविष्यवाणी कर रहे हैं। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसद क्रूड आयात करता है। इसलिए कच्चे तेल के दाम ऊपर जाने पर भारत में भी पेट्रोल और डीजल के दामों में इजाफा होगा। इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पढ़ें- तेल उत्पादन में कटौती पर सहमति, भारत को झटका

    पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक ने एक साल की बातचीत के बाद 11 गैर-ओपेक देशों को भी कच्चे तेल का उत्पादन घटाने के लिए राजी कर लिया है। ओपेक के अधिकारियों के मुताबिक गैर-सदस्य देश अगले छह महीने तक रोजाना 5.58 लाख बैरल उत्पादन घटाने के लिए तैयार हो गए हैं। ओपेक देश खुद क्रूड उत्पादन में रोजाना 12 लाख बैरल की कटौती करेंगे। उत्पादन में कटौती अगले साल पहली जनवरी से लागू होगी।साल 2001 के बाद पहली बार ऐसा समझौता हुआ है। तेल की बढ़ती आपूर्ति और घटते दाम की स्थिति से निपटने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके चलते रूस और सऊदी अरब की माली हालत खराब हो रही थी। सऊदी तेल मंत्री खालिद अल फलीह ने इस डील को ऐतिहासिक बताया।

    पढ़ें- सावधान! अगले साल और बढ़ सकती है मोबाइल से धोखाधड़ी

    करार में हिस्सा लेने वाले 11 गैर-ओपेक देशों में अजरबैजान, बहरीन, ब्रूनेई, गिनी, कजाखिस्तान, मलेशिया, मेक्सिको, ओमान, रूस, सूडान और दक्षिण सूडान शामिल हैं। उत्पादन में अधिकतर कटौती रूस करेगा। रूस और सऊदी अरब ने क्रूड का ज्यादा उत्पादन करके पूरी दुनिया में सप्लाई बढ़ा दी थी। इस वजह सेकच्चे तेल की कीमतों में कमी आई। नतीजतन उत्पादक देशों की आमदनी बेहद घट गई, जबकि भारत जैसे उपभोक्ता देशों को काफी फायदा मिला।

    comedy show banner
    comedy show banner