सावधान! अगले साल और बढ़ सकती है मोबाइल से धोखाधड़ी
अगले साल देश में मोबाइल धोखाधड़ी के मामलों में 60-65 फीसद तक बढ़ोतरी की आशंका है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। कैशलेस अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ रही सरकार के सामने साइबर क्राइम से निपटने की बड़ी चुनौती होगी। यह सच है कि नोटबंदी के बाद ई-वॉलेट और अन्य ऑनलाइन पेमेंट गेटवे के जरिये डिजिटल लेनदेन में जोरदार बढ़ोतरी हुई है। लेकिन इसके साथ खतरा भी बढ़ रहा है। अगले साल देश में मोबाइल धोखाधड़ी के मामलों में 60-65 फीसद तक बढ़ोतरी की आशंका है। उद्योग चैंबर एसोचैम और रिसर्च फर्म ईवाई के संयुक्त अध्ययन में इस ओर इशारा किया गया है।
इस अध्ययन का शीर्षक है- 'स्टै्रटेजिक नेशनल मेजर्स टू कॉम्बैट साइबरक्राइम'। इसमें कहा गया कि साइबर अपराध पर अंकुश लगाना अब काफी महत्वपूर्ण हो गया है। इस दिशा में सरकार को कदम उठाने होंगे। किसी भी क्षेत्र में व्यवसायों को स्थापित होने, चलने और फलने-फूलने के लिए साइबर क्राइम पर लगाम महत्वपूर्ण मानदंड हो गया है।
अध्ययन कहता है कि कंपनियों के लिए मोबाइल फ्रॉड चिंता का विषय हैं। मोबाइल उपकरणों के जरिये 40-45 फीसद ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन होते हैं। इस तरह के ट्रांजैक्शन में बढ़ोतरी हो रही है। लिहाजा इनमें धोखाधड़ी के मामलों के बढ़ने की भी आशंका है।
आंकड़ों के अनुसार अभी ऑनलाइन बैंकिंग ट्रांजैक्शन में करीब 46 फीसद शिकायतें क्रेडिट, डेबिट कार्ड की धोखाधड़ी से जुड़ी होती हैं। इसके बाद 39 फीसद शिकायतें फेसबुक से संबंधित होती हैं। ये शिकायतें आमतौर पर तस्वीरों की मॉर्फिंग और साइबर बुलींग इत्यादि से जुड़ी होती हैं। मोबाइल के जरिये चपत लगाने की साइबर शिकायतें 21 फीसद होती हैं। अन्य प्रमुख साइबर शिकायतों में इमेल आइडी का हैक किया जाना (18 फीसद) तथा अपमानजनक, आपत्तिजनक और अश्लील कॉल या एसएमएस का भेजा जाना शामिल है।
उप्र के जन धन खातों में सबसे ज्यादा पैसा
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के जन धन खातों में सबसे ज्यादा पैसा जमा है। जन धन खातों में जमा राशि के मामले में वह देश में पहले स्थान पर है। इसके बाद पश्चिम बंगाल और राजस्थान का नंबर है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सात दिसंबर तक जन धन खातों में जमा कुल राशि 74,610 करोड़ रुपये थी। उत्तर प्रदेश के 3.8 करोड़ जन धन खातों में सबसे अधिक 12,021.32 करोड़ रुपये जमा थे। जबकि पश्चिम बंगाल के 2.44 करोड़ जन धन खातों में इस दिन तक 9,193.75 करोड़ रुपये जमा थे।
राजस्थान में जन धन खातों की संख्या 1.9 करोड़ है। इनमें 6,291.1 करोड़ रुपये की राशि है। बिहार में 2.62 करोड़ खातों में सात दिसंबर तक 6,160.44 करोड़ रुपये जमा थे। नोटंबदी के बाद से जन धन खातों में 28,973 करोड़ रुपये की राशि जमा हुई है। इसके बावजूद शून्य शेष वाले खातों की संख्या 20 प्रतिशत से अधिक है।
एक और मौका देगी सरकार
नई दिल्ली : सरकार काला धन रखने वालों को एक और मौका देने के लिए प्रस्तुत योजना को इस सप्ताह अधिसूचित कर सकती है। इसके तहत नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा अघोषित धन पर 50 फीसद टैक्स और जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है। इस योजना के तहत घोषित धन का एक चौथाई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) में जमा करना होगा। यह जमा चार साल के लिए होगी और इस पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।