'पाक को नहीं, चीन को फायदा दिलाने के लिए तैयार किया गया है CPEC'
विशेषज्ञों के अनुसार, चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर उन क्षेत्रों के लिए फायदेमंद नहीं होगा, जिनसे होकर यह गुजरेगा।
लंदन, एएनआइ। पाकिस्तान में बलूचिस्तान और सिंध प्रांतों से होकर गुजरने वाला सीपीइसी प्रोजेक्ट चीन को फायदा दिलाने के लिए तैयार किया गया है, ना कि पाकिस्तान को। यह बात इस हफ्ते लंदन में आयोजित एक सेमिनार में बलूचिस्तान मामलों के विशेषज्ञों ने कही।
अनरिप्रेजेंटेड नेशंस एंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन और वर्ल्ड बलोच ऑर्गनाइजेशन के बैनर तहत बलोच नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस सेमिनार में हिस्सा लिया, जो 'हैंगिंग बाइ ए थ्रेड: सीपीइसी, प्रोगेसिव नेशनलिज्म एंड द ग्रोथ ऑफ रिलीजियस एक्स्ट्रीमिज्म इन बलूचिस्तान' के मुद्दे पर केंद्रित था।
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के डायरेक्टर आथर हुसैन ने कहा कि चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर आवश्यक रूप से उन क्षेत्रों के लिए फायदेमंद नहीं होगा, जिनसे होकर यह गुजरेगा और यह संभवत: बलूचिस्तान जैसे गरीब इलाकों की बजाय उन क्षेत्रों में और अधिक विकास करेगा, जो पहले से ही विकसित हैं। वहीं हुसैन ने यह भी कहा कि सीपीइसी चीन को फायदा दिलाने के लिए तैयार किया गया है।
स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज के एक सीनियर टीचिंग फेलो बुर्जिन वाघमारे ने पाकिस्तान को एक ऐसा नाकाम देश बताया, जो अपनी नाकामी से इंकार करता है। उन्होंने कहा कि सीपीइसी से जुड़े मूलभूत ढांचों से बलूचिस्तान के लोगों को फायदा नहीं मिलेगा, क्योंकि वहां के लिए ना ही कोई कोयला, सौर या पवन संबंधित प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।
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