चीन ने बढ़ाया दोस्ती का हाथ
नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज शुरू करने के बाद चीन और अमेरिका ने भारत के नए निजाम के साथ संवाद के नए पुल बनाने की कवायद तेज कर दी है। मोदी के प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद उन्हें फोन करने वाले पहले विदेशी नेता चीनी प्रधानमंत्री ली कछ्यांग ने भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने पर जोर दिया। मोदी ने कछ्यांग के जरिए राष्ट्रपति शी चिंनफिंग को इस साल भारत यात्रा का न्योता भी दिया। भारत से संबंध सुधार की कड़ी में चीनी विदेश मंत्री वांग यी 8 जून को भारत आएंगे।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज शुरू करने के बाद चीन और अमेरिका ने भारत के नए निजाम के साथ संवाद के नए पुल बनाने की कवायद तेज कर दी है। मोदी के प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद उन्हें फोन करने वाले पहले विदेशी नेता चीनी प्रधानमंत्री ली कछ्यांग ने भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने पर जोर दिया। मोदी ने कछ्यांग के जरिए राष्ट्रपति शी चिंनफिंग को इस साल भारत यात्रा का न्योता भी दिया। भारत से संबंध सुधार की कड़ी में चीनी विदेश मंत्री वांग यी 8 जून को भारत आएंगे।
मोदी ने भी कछ्यांग की बधाई पर शुक्रिया करने के साथ ही स्पष्ट किया कि चीन के साथ रिश्ते हमेशा से भारतीय विदेशनीति की प्राथमिकता रहे हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, फोन वार्ता में प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि चीन के साथ अपने संबंधों की सभी संभावनाओं का व्यापक विस्तार करने को लेकर भारत सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिए उन्होंने चीनी नेतृत्व के साथ करीबी संपर्क और सहयोग से आगे बढ़ने का भरोसा भी जताया। मोदी ने दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक सहयोग को भी स्वागत योग्य करार दिया। कछ्यांग से बातचीत में मोदी ने कहा कि भारत द्विपक्षीय रिश्तों में चीन के साथ सभी लंबित मुद्दों को विकास के रणनीतिक लक्ष्यों और लोगों के दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रखते हुए सुलझाने को प्रतिबद्ध है। वांग यी की 8 जून की भारत यात्रा को चीनी राष्ट्रपति की यात्रा से पहले जमीन तैयार करने वाला दौरा माना जा रहा है। महत्वपूर्ण है कि सूबे की सियासत से केंद्र की राजनीति में आए मोदी अपनी सरकार की शुरुआती बल्लेबाजी में ही विदेशनीति के बोल्ड शॉट खेलना शुरू कर चुके हैं। सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एशियाई पड़ोसी मुल्कों के नेताओं को आमंत्रित करने के साथ ही प्रधानमंत्री ने एशियाई मोहल्ले को लेकर अपनी प्राथमिकताएं भी जता दी हैं। ताजा संकेतों के मुताबिक विदेश नीति में लुक-ईस्ट नीति को खासी अहमियत मिलना तय माना जा रहा है।
बीते दिनों सरकार में विभागों के बंटवारे में पूर्वोत्तर विकास और विदेश मंत्रालय में राज्यमंत्री के तौर पर पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह की नियुक्ति के साथ मोदी ने इस मोर्चे पर अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है। गाजियाबाद से निर्वाचित सिंह सेनाध्यक्ष के साथ ही पूर्वी कमान के प्रमुख भी रहे हैं। चीन के साथ 'द्विपक्षीय मुद्दों के समाधान में विकास के रणनीतिक लक्ष्यों और लोगों के दीर्घकालिक हितों' की बात कर मोदी ने स्पष्ट कर दिए है कि पूर्वोत्तर में विकास की रफ्तार बढ़ाना उनकी प्राथमिकताओं में है। हालिया आम चुनाव की प्रचार सभाओं में भी मोदी कहते रहे हैं कि अरुणाचल प्रदेश की एक इंच जमीन के साथ भी समझौता संभव नहीं है।