Move to Jagran APP

NSG पर चीन की कुटिल चाल, नॉर्थ कोरिया- ईरान से की भारत की तुलना

एनएसजी में भारत की दावेदारी की तुलना ने चीन ने नॉर्थ कोरिया और ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम से की।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Fri, 24 Jun 2016 02:10 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2016 03:06 PM (IST)
NSG पर चीन की कुटिल चाल, नॉर्थ कोरिया- ईरान से की भारत की तुलना

सियोल। सियोल में एनएसजी की शीर्षस्तर की बैठक में भारत चीन को छोड़ करीब-करीब सभी देशों को मनाने में कामयाब रहा। लेकिन, चीन की ना के बाद एनएसजी में भारत की दावेदारी पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि, भारत ने अमेरिका और अन्य देशों का समर्थन हासिल कर लिया था जिसके बाद ऐसा माना जा रहा था कि चीन अगर अपनी सहमति दे देगा तो भारत का प्रवेश एनएसजी में पक्का है।

loksabha election banner

उधर, सूत्रों के मुताबिक, ब्राजील ने भारत के परमाणु रिकॉर्ड को बेहतर बताते हुए अपना समर्थन देने की बात कही लेकिन स्वीट्जरलैंड ने भारत की दावेदारी का पुरजोर विरोध किया है। हालांकि, पीएम की यात्रा के दौरान स्वीट्जरलैंड ने एनएसजी पर समर्थन की बात कही थी।

ये भी पढ़ें- पेरिस समझौते के तहत ही भारत एनएसजी की सदस्यता के लिए आगे बढ़ा: विकास स्वरूप

चीन ने आज बिल्कुल साफ कर दिया है कि वह किसी भी कीमत पर एनएसजी में सदस्यता की भारत की दावेदारी का वह समर्थन नहीं करने जा रहा है। उसने भारत की तुलना नॉर्थ कोरिया से करते हुए कहा कि भारत को एनएसजी में सदस्यता का समर्थन करना एक तरह से नॉर्थ कोरिया की परमाणु की स्थिति के लिए उसे माफ करना है।

शुक्रवार की सुबह एक बयान जारी करते हुए चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने बताया है कि नियम उन देशों को एनएसजी सदस्य बनने की इजाजत नहीं देता है जिन देशों ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं किए हैं। इसलिए किसी भी देश को इस मामले में छूट नहीं दी जा सकती है।

ये भी पढ़ें- चीन को आम जन ने नकारा, NSG पर भारत के प्रयासों को सराहा

टाइम्स ऑफ इंडिया की ख़बर के मुताबिक, बयान से साफ जाहिर होता है कि कैसे ईरान और नॉर्थ कोरिया के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम का हवाला देकर भारत का एनएसजी में प्रवेश रोक रहा है जबकि पाकिस्तान को परमाणु सामग्री बेचने पर चीन पूरी तरह से चुप है।

बीजिंग भारत के खिलाफ दूसरे देशों को भड़काकर ये बताने का काम भी कर रहा है कि अगर एनएसजी में इसका प्रवेश हुआ तो इसकी महत्ता कम हो जाएगी और एनएसजी अपनी छवि खो देगा। हालांकि, पाकिस्तान के मुद्दे पर चीन पूरी तरह से चुप था और नॉर्थ कोरिया का का संदर्भ देते हुए चीन ने कहा का कैसे बिना एनपीटी पर दस्तखत किए कीस भी देश को एनएसजी में प्रवेश पर अपनी सहमति दी जा सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.