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    मुशर्रफ मामले के मुख्य जज की ना और हां

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    Updated: Thu, 27 Mar 2014 09:52 PM (IST)

    इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत में गुरुवार को बड़ा ड्रामा देखने को मिला। जब मुख्य जज बार-बार खुद पर मुशर्रफ के खिलाफ पक्षपाती होने का आरोप लगाने से भड़क गए और मामले की सुनवाई से अपने को अलग कर लिया। हालांकि बाद में उन्होंने हाई प्र

    इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत में गुरुवार को बड़ा ड्रामा देखने को मिला। जब मुख्य जज बार-बार खुद पर मुशर्रफ के खिलाफ पक्षपाती होने का आरोप लगाने से भड़क गए और मामले की सुनवाई से अपने को अलग कर लिया। हालांकि बाद में उन्होंने हाई प्रोफाइल मामले की सुनवाई से इन्कार नहीं करने का स्पष्टीकरण दिया।

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    एक समय ऐसी खबर आई कि देशद्रोह मामले की सुनवाई के दौरान तीन सदस्यीय पीठ के प्रमुख जस्टिस फैसल अरब ने मुशर्रफ के वकील अनवर मंसूर के साथ बहस के बाद सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। बाद में जज ने स्पष्ट किया कि उन्होंने केवल गुरुवार की कार्यवाही को छोड़ा है और मामले से खुद को पूरी तरह अलग नहीं किया है। इसके पहले 70 वर्षीय मुशर्रफ के वकील अहमद रजा कसूरी ने विशेष अदालत के बाहर पत्रकारों को बताया कि जज ने मामले से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा कि देर आए दुरुस्त आए। मुझे खुशी है कि आखिरकार उनका (जस्टिस अरब) जमीर जाग गया है। फैसल अरब ने कहा कि वह मामले से खुद को अलग कर रहे हैं। देश में जजों की कमी नहीं है। कसूरी ने आगे कहा कि वारंट कायम नहीं है क्योंकि जिस अदालत ने इस वारंट को जारी किया था वह अब अस्तित्व में नहीं है। हालांकि विशेष अदालत ने 31 मार्च तक सुनवाई को स्थगित करते हुए दोपहर में अपने पूर्व के आदेश को बरकरार रखने का फैसला सुनाया। इसमें कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि यदि मुशर्रफ अगली सुनवाई की तारीख पर अदालत में उपस्थित होने से इन्कार करते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर पेश किया जाए।